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इंदौरः कलेक्टर ने औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने के दिए निर्देश

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इंदौरः कलेक्टर ने औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने के दिए निर्देश


इंदौर, 15 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर में औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों के सुदृढ़ पालन और दुर्घटनाओं की रोकथाम को प्राथमिकता देते हुए सोमवार को कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में जोनल सेफ्टी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा मानकों को और मजबूत बनाने हेतु कई अहम निर्देश जारी किए गए। बैठक में अपर कलेक्टर रोशन राय, उप संचालक औद्योगिक सुरक्षा हर्ष चतुर्वेदी, जिला प्रशासन के अधिकारी, औद्योगिक सुरक्षा अधिकारी, नगर निगम की फायर टीम के अधिकारी तथा मेजर हैज़र्ड श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के संचालक उपस्थित रहे।

कलेक्टर वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के सभी खतरनाक कारखानों का निरीक्षण विशेष दल बनाकर किया जाएगा, ताकि सुरक्षा प्रावधानों का वास्तविक मूल्यांकन हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि कारखानों में सुरक्षा संबंधी जानकारी और मानकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों और प्रबंधन को सुरक्षा नियमों के प्रति और अधिक जागरूक किया जा सके। इसके अलावा, विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में मॉकड्रिल आयोजित कराने के निर्देश भी दिए गए, ताकि आपदा जैसी परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि जहाँ सुरक्षा उपायों में कमी पाई जाएगी, वहाँ कारखानों को सुधार के लिए समय दिया जाएगा। निर्धारित समय-सीमा में कमियाँ दूर न करने पर संबंधित कारखानों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बैठक का उद्देश्य औद्योगिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिले में एक सुरक्षित और उत्तरदायी कार्य वातावरण सुनिश्चित करना रहा।

बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने निर्देश दिये कि सभी औद्योगिक इकाइयों को 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से सुरक्षा ऑडिट कराना होगा। सुरक्षा मानकों एवं मापदंडों का पालन न करने वाली इकाइयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के लिए संयुक्त दल गठित किए जाएंगे, जो सभी इकाइयों का फील्ड इंस्पेक्शन कर सुरक्षा उपायों का परीक्षण करेंगे। घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए रिस्पांस दल भी बनाए जाएंगे। जिले की सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए सुरक्षा संबंधी मार्गदर्शक निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।

कलेक्टर वर्मा ने बताया कि हाल ही में विभिन्न स्थानों से स्प्रेड पॉइंट और अन्य सुरक्षा संबंधित कमियां सामने आई हैं, जिससे कई दुर्घटनाएं भी हुई हैं। इसी संदर्भ में प्रशासन द्वारा अनसेफ मानी गई फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है। सुरक्षा मानकों का बार-बार उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करने की कार्रवाई जारी है। कई इकाइयों को सुधार के लिए अवसर भी दिए गए, ताकि वे फायर सेफ्टी, इमरजेंसी मैनेजमेंट और केमिकल हैंडलिंग की मानक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर सकें।

कलेक्‍टर वर्मा ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के लिए ट्रेनिंग और मॉकड्रिल की योजना भी है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए अवेयरनेस और ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। कर्मचारियों को आकस्मिक स्थिति में सही प्रतिक्रिया देने के लिए मॉकड्रिल कराई जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर कर्मचारी को सुरक्षा प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी हो। अपर कलेक्टर स्तर पर सभी कार्रवाई की निगरानी की जाएगी। हर टीएल बैठक में समीक्षा होगी कि किन-किन उद्योगों ने सुरक्षा ऑडिट करवाया और मानकों का पालन सुनिश्चित किया है।

कलेक्टर ने कहा कि मानव जीवन सबसे महत्वपूर्ण है। उसकी सुरक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षा मानकों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जिले की सभी औद्योगिक इकाइयों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी। इसी क्रम में फायर सेफ्टी को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक का उल्लेख करते हुए कलेक्टर ने बताया कि शहर में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए नई टीमें गठित कर पुनः व्यापक जांच अभियान शुरू किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना को पहले ही खत्म किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर