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मध्य प्रदेश का हर घर जल उपलब्ध कराने वाला पहला संभाग बना उज्जैन

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मध्य प्रदेश का हर घर जल उपलब्ध कराने वाला पहला संभाग बना उज्जैन


मध्य प्रदेश का हर घर जल उपलब्ध कराने वाला पहला संभाग बना उज्जैन


- सभी 7,09,065 ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा नल से जल

भोपाल, 08 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए जल जीवन मिशन को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प और निरंतर प्रयासों ने नई ऊँचाई प्रदान की है। इसी का परिणाम है कि उज्जैन संभाग ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए यह सुनिश्चित कर दिया है कि यहाँ के सभी ग्रामीण घरों तक अब नल से शुद्ध पेयजल पहुँच रहा है। ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पानी का यह अधिकार निरंतर और सुरक्षित रूप से उपलब्ध हो रहा है, जिससे पूरे उज्जैन संभाग को गर्व के साथ ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को पूर्ण करने का गौरव प्राप्त हुआ है।

जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन हर घर जल उपलब्ध कराने वाला प्रदेश का पहला संभाग बन गया है। इस उपलब्धि से महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक राहत मिली है। पहले गांवों की महिलाएँ दूर-दूर तक पानी लाने के लिए कठिनाई झेलती थीं, कीमती समय और श्रम दोनों व्यय होते थे। अब घर के आँगन में नल से जल उपलब्ध होने से न केवल उनका सम्मान बढ़ा है बल्कि उन्हें शिक्षा, स्वच्छता और आजीविका के बेहतर अवसर भी मिले हैं। स्वच्छ पानी के कारण जलजनित बीमारियों में कमी से ग्रामीण स्वास्थ्य में भी सकारात्मक सुधार हुआ है।

उन्होंने बताया कि उज्जैन संभाग के उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच और आगर-मालवा जिलों के कुल 7 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। आगर-मालवा 42,207, देवास 1,65,383, नीचम 31,957, उज्जैन 1,71, 553, शाजापुर 79,472, रतलाम 1,49,603 और मंदसौर 68,890 परिवार लाभान्वित हुए। यह केवल पाइपलाइन बिछाने का कार्य नहीं है, बल्कि जल संरक्षण, जल गुणवत्ता परीक्षण, स्थानीय लोगों की सहभागिता और ग्रामीण जीवन को सम्मानजनक सुविधाओं से जोड़ने का प्रयास है, जिसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अब शेष गांवों में तेजी से कार्य कर रहा है. ताकि पूरे मध्य प्रदेश के प्रत्येक ग्रामीण घर को नल से जल उपलब्ध कराया जा सके। यह लक्ष्य केवल पेयजल की सुविधा तक सीमित नहीं, बल्कि स्वस्थ, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और खुशहाल ग्रामीण जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर