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मप्र का राजकोषीय घाटा 5,709 करोड़ रुपये रहा, कुल जीएसडीपी का 4.02 प्रतिशत

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- मप्र में राजस्व घाटे की स्थिति से उभरने के संकेत, कुल राजस्व 2,25,710 करोड़ होने की संभावना

भोपाल, 2 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश का राजकोषीय घाटा 55,709 करोड़ रुपये का रहा है। यह अनुमान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.02 प्रतिशत है। वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राशि 413 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसे कोरोना काल की राजस्व घाटे की स्थिति से उबरने एवं एक स्थिर और मजबूत वित्तीय स्थिति का संकेत मान सकते हैं।

वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य करों का हिस्सा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में 6.16 प्रतिशत से बढ़कर 6.20 प्रतिशत हो गया है इस अवधि के दौरान राज्य के अपने कर संग्रह में 12.79 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ोतरी हुई।

भूमि राजस्व 1,200 करोड़ रुपये, स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क 10,400 करोड़ रुपये, और एसजीएसटी 32,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। कुल राजस्व प्राप्तियां 2,25,710 करोड़ रुपये होने की संभावना है, जो कुल प्राप्तियों का 80.14 प्रतिशत है।

बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के कारण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में पूंजीगत व्यय, वर्ष 2019-2020 में 3.23 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-2023 में 3.48 प्रतिशत होने और वर्ष 2023-2024 में बढ़कर 3.90 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस अवधि के दौरान ऋण और अग्रिम भी 0.11 प्रतिशत से बढ़कर 0.16 प्रतिशत होने का अनुमान है।

मप्र में 4.29 करोड़ लोग बैंकिंग सुविधाओं से लाभान्वित

प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से प्रदेश में अब तक 4.29 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग की सुविधाओं से लाभान्वित किया है। सरकार द्वारा बैंकिंग सेवाओं को सुलभ एवं कृषि, उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों के लिए ऋण विस्तार के प्रयास किए जा रहे, फलस्वरूप 2005-06 से 2023-24 तक कृषि ऋण में 16.4 प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) की वृद्धि एवं एमएसएमई क्षेत्र में 33.85 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि हुई है। प्रदेश के निजी बैंकों, लघु वित्त बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपी.ए) में क्रमशः 47,19 एवं 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश