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सत्ता पक्ष का अनोखा प्रदर्शन : पहले दिन कांग्रेस, अंतिम दिवस भाजपा पहुँची गांधी प्रतिमा पर, लगे विकास के नारे

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सत्ता पक्ष का अनोखा प्रदर्शन : पहले दिन कांग्रेस, अंतिम दिवस भाजपा पहुँची गांधी प्रतिमा पर, लगे विकास के नारे


भोपाल, 5 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार एक अनोखा और दिलचस्प राजनीतिक दृश्य सामने आया। आमतौर पर सत्र के दौरान विरोध और प्रदर्शन विपक्ष की तरफ से देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार तस्वीर उलट गई। सत्र के आखिरी दिन जब सभी की निगाहें सदन की कार्यवाही पर थीं, उसी दौरान गांधी प्रतिमा के सामने सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी के विधायक पहुंच गए और जोरदार तरीके से विकास के नारे लगाने लगे। यह क्षण इसलिए खास रहा क्योंकि सत्र की शुरुआत ठीक इसी जगह पर कांग्रेस ने अपने तेज-तर्रार प्रदर्शनों से माहौल गरमाया था और आखिरी दिन उसी स्थान पर भाजपा का संदेश गूंजा कि “विकास किया है, विकास करेंगे।”

दरअसल, शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कई बीजेपी विधायक हाथों में पोस्टर लेकर गांधी प्रतिमा के सामने एकत्र हुए। पोस्टरों पर प्रदेश सरकार के कामों का उल्लेख था, ‘विकास भी विरासत भी’, ‘विकास एवं विरासत के 2 साल’, और ‘मोदी–मोहन का साथ, डबल इंजन से तेज विकास।’ विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार ने जो काम किया है वह दिख रहा है, इसलिए बताने में क्या हर्ज है। उनका कहना था कि विपक्ष लगातार भ्रम फैलाने में लगा है, लेकिन विकास की वास्तविक तस्वीर जनता के सामने है और सरकार उसी का उल्लेख कर रही है।

यह दृश्य इसलिए और भी रोचक था क्योंकि ठीक पहले दिन गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस ने बेहद नाटकीय ढंग से सरकार पर हमला बोला था। ‘सीरप कांड’ को लेकर कांग्रेस विधायक सेना पटेल पूतना का रूप धारण कर विरोध में बैठ गई थीं। उन्होंने कहा था कि बच्चों की जान जा रही है, इसलिए इस तरह ध्यान आकर्षित करना पड़ा। पहले ही दिन कांग्रेस ने माहौल को गर्म कर दिया था और पूरे सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी कर ली थी।

दूसरे दिन भी विपक्ष ने मैदान नहीं छोड़ा और किसानों के मुद्दों को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। तख्तियों पर सरकार पर तीखे प्रहार लिखे थे, ‘किसानों की चिड़िया बन खेत चुग रही सरकार’, ‘किसान के नाम पर सत्ता टिकाई, अब उसी किसान को भावांतर में डुबाई’, और ‘मिट्टी में मिला सरकारी सपना, कर्ज में डूबना किसान अपना।’ किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया और पूरे दिन इसे लेकर राजनीतिक हलचल बनी रही।

तीसरे दिन प्रदर्शन का तरीका और भी तीखा हो गया। विपक्ष इस बार बंदर के रूप में, हाथों में उस्तरा लिए गांधी प्रतिमा के सामने जा पहुंचा और सरकार पर युवाओं, किसानों और महिलाओं के अधिकार “काटने” का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार इन तीनों वर्गों के हक पर डाका डाल रही है और यह रूपक उसी का प्रतीक है। सत्र के तीसरे दिन तक लगातार विरोध का केंद्र गांधी प्रतिमा ही बनी रही और विपक्ष हर दिन नए अंदाज में सरकार पर हमलावर था। वहीं आखिरी दिन भाजपा का आत्मविश्वास और विकास का संदेश आगे आ गया। विकास के नारे लगाकर सत्ता पक्ष ने यह संकेत दिया कि विपक्ष जितना चाहे आरोप लगाए, सरकार अपने कामों को जनता के सामने रखने में हिचकेगी नहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी