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भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सेंटर का माइस के रूप में उन्नयन, ओरछा में होगा पर्यटन सुविधाओं का विकास

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- म.प्र. टूरिज्म के प्रस्ताव पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने स्वीकृत किए करीब 200 करोड़ रुपये

भोपाल, 30 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे (केबीटी) अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माइस (MICE) के रूप में उन्नयन और ओरछा में पर्यटन अधोसंरचनाओं और सुविधाओं के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। यह जानकारी शनिवार देर शाम प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने दी।

उन्होंने बताया कि केंद्र से प्राप्त राशि से केबीटी कन्वेंशन सेंटर में बैंक्वेट हॉल, देश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एग्जिबिशन एरिया, बिजनेस सेंटर, बैंक्वेट हॉल सहित आधुनिक तकनीक से युक्त सर्व सुविधाओं का विकास किया जाएगा। भोपाल में माइस के विकास के लिए 99.38 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है।

उन्होंने बताया कि ओरछा में पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ प्रवेशद्वारों का संरक्षण एवं पुलों का जीर्णोद्धार, मंदिर/स्मारकों का संरक्षण और संग्रहालयों का विकास भी किया जाएगा। ओरछा को 99.92 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह राशि पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2024-25 के अंतर्गत जारी की गई है।

योजना के अंतर्गत ओरछा में किए जाने वाले कार्य

- ओरछा शहर के आधारभूत संरचना में सुधार।

- प्रवेशद्वारों का संरक्षण एवं पुलों का जीर्णोद्धार।

- संग्रहालय के आसपास व शहर की सड़कों को जोड़ना। यहां ई-कार्ट पार्किंग, चार्जिंग स्टेशन सुविधाएं, साइनेज आदि विकसित करना।

- स्मारकों को जोड़ने वाले मार्गों का विकास।

- प्रोजेक्शन मैपिंग और क्यूआर आधारित वॉक एप विकसित करना।

- सड़क पर रोशनी और हेरिटेज लाइटिंग।

- गढ़ परिसर के अंदर मंदिर/स्मारकों का संरक्षण।

- संग्रहालयों का विकास।

- आधुनिक शौचालयों का निर्माण व मेला ग्राउंड का विकास।

- अक्षय ऊर्जा, जल संचयन, खाद बनाना।

- शॉपिंग क्षेत्र का विकास करना शामिल है।

मिंटोहॉल भोपाल में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में किए जाने वाले कार्य

- MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन्स) के मानकों के अनुरूप कन्‍वेंशन सेंटर को अपग्रेड कर विभिन्न सुविधाओं का विकास करना

- बैंक्विट हॉल सहित मीडिया सेंटर, बिजनेस सेंटर बनाना।

- आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर