ग्वालियर के सभी डाक घर होने जा रहे आधुनिक, आईटी 2.0 एप्लीकेशन से बदल जाएगा, लेनदेन का तरीका
ग्वालियर , 20 जुलाई (हि.स.)। देश भर में कई जगह डाकघरों में रोजमार्रा के कार्य करने के तरीके को तेज करने के लिए इन दिनों परिवर्तन चल रहा है। जिसमें कि मप्र के अनेक जिले भी शामिल हैं। डाक विभाग एक बड़ा तकनीकी बदलाव कर रहा है। आईटी 2.0 एप्लीकेशन के माध्यम से वह अपने को अपग्रेड कर रहा है। राज्य में 22 जुलाई से इस नई आईटी 2.0 एप्लीकेशन पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले 21 जुलाई को डाकघरों में कोई सार्वजनिक लेन-देन नहीं किया जाएगा।जिसमें कि ग्वालियर-चंबल संभाग के 312 डाकघरों में ये नया एप्लीकेशन परिवर्तन पांच अगस्त से प्रभावी रूप से कार्य करता हुआ दिखाई देगा।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के नौ हजार से अधिक डाकघरों में आईटी 2.0 एप्लीकेशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें से कुछ में अभी काम हो चुका है और कुछ में अभी काम जारी है। इस एप्लीकेशन के डाकघर में लागू होते ही वहां पर कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो जाएगा, उसमें तेजी देखने को मिलेगी। क्योंकि नई तकनीक से सर्वर संबंधी समस्याएं दूर हो जाएंगी, जैसा कि डाकविभाग द्वारा दावा किया गया है। रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के लिए ग्राहकों को ओटीपी मिलेगा। कर्मचारियों का भी बहुत समय बचेगा।
इस संबंध में ग्वालियर के मुख्य डाकघर महाराज बाड़ा पोस्टमास्टर एमएस लोधी ने जानकारी दी कि पांच अगस्त को एक नए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन पर कार्य शुरू होगा। अभी के सिस्टम में ग्राहक हस्ताक्षर अनिवार्य है, जबकि नए के लॉन्च होने के बाद ग्राहक के पास ओटीपी पहुंचने एवं उसकी स्वीकृति से डिजीटली तुरंत काम बन जाएगा और उक्त ओटीपी के द्वारा भी डाक डिलीवर किया जा सकेगी। थर्मल प्रिंटर से प्रिंटिंग होगी। समय पर डाक पहुंचे यह ग्राहक और डाक विभाग दोनों को ऑनलाइन हमेशा दिखेगा।
गौरतलब है कि आईटी 2.0 डाक विभाग की अगली पीढ़ी की डिजिटल प्रणाली है, जिसमें मोबाइल ऐप्स के माध्यम से डिपार्टमेंटल एवं जीडीएस कर्मचारी अपने रोज़मर्रा के कार्य जैसे डेली लॉगइन, मेल बुकिंग, लेन-देन, डे-बिगिन/डे-एंड प्रक्रियाएँ, राष्ट्रीय और स्थानीय लेन-देन इत्यादि संभाल सकते हैं । यह पारंपरिक DARPAN सिस्टम को पूरी तरह बदलकर एक यूपी-टू-डेट, रियल-टाइम एपीटी आधारित मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर लाया गया है ।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vikrant chaturvedi

