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सोमवार से धर्नुमास होगा प्रारंभ

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सोमवार से धर्नुमास होगा प्रारंभ


उज्जैन, 14 दिसंबर (हि.स.)। सोमावर से धर्नुमास प्रारंभ हो रहा है। प्रात: 7.20 बजे सूर्य वृश्चिक राशि को छोडक़र धनु राशि में प्रवेश करेगा। इसी के साथ करीब एक माह तक शुभ कार्य वर्जित हो जाएंगे। एक माह बाद जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर संक्रांति होगी और धर्नुमास समाप्त हो जाएगा। शुभ कार्य पुन: प्रारंभ हो जाएंगे। इसे खर मास भी कहा जाता है। यह मास भगवान विष्णु की उपासना ओर तीर्थ यात्रा के लिए शुभ माना जाता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.हरिहर पण्ड्या ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान गृह प्रवेश,विवाह, मांगलिक आयोजन,मुंडन एवं यज्ञोपवित संस्कार आदि कार्य वर्जित रहेंगे। सूर्य की धनु संक्रांति के कारण ऐसा होगा। मान्यता है कि इस एक माह तक धर्म और आध्यात्म से जुड़े रहना प्रभु कृपा प्राप्त बनाता है। प्राचीन समय में इस एक माह तक दंपत्तियां ब्रम्हचर्य का पालन किया करती थी। सूर्य को अध्र्य देकर धर्म उपासना की जाती थी। ऐसा करने से संतान दिर्घायु प्राप्त होती थी।

उन्होने बताया कि धनु राशि का स्वमी बृहस्पति है। सूर्य और बृहस्पति सम संबंध के माने जाते हैं। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश को ही धनु संक्रांति कहते हैं। इस दौरान लोगों को तप-साधना-नियमित दिनचर्या रखने पर रोग-ताप से मुक्ति मिलती है। आयुर्वेद भी इस माह को स्वस्थ जीवन चर्या के लिए विशेष मानता है। इस एक माह तक सूर्य को अध्र्य देने और उपासना करने से व्यक्ति के तेज में वृद्धि होती है वहीं वह पराक्रमी और प्रतिष्ठाप्राप्त बनता है। पूर्व के दोषों से मुक्ति मिलती है।

इनका भी होगा राशि परिवर्तन

धनु सक्रांति के एक माह में कुछ ग्रह-नक्षत्रों का रािश परिवर्तन होगा। आगामी 19 दिसंबर को बुध ग्रह ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। वहीं 20 दिसंबर को शुक्र ग्रह मूल नक्षत्र में धनु राशि में प्रवेश करेगा। पश्चात 25 दिसंबर को मंगल ग्रह पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इधर सूर्य का पूर्वाषाढ़ में प्रवेश 28 दिसंबर को होगा। बुध का तारा 28 दिसंबर को अस्त हो जाएगा। गुरू इस समय वक्री हैं, वे 4 जनवरी को पुनर्वसु के दूसरे चरण में प्रवेश करेंगे। सूर्य 11 जनवरी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।

इन राशियों पर होगा प्रभाव

धर्नुमास में धनु राशि स्वामियों को नेतृत्व ओर सम्मान मिलेगा। चूंकि सूर्य कमजोर होता है और गुरू का प्रभाव कम होता है,ऐसे में वृश्चिक राशि स्वामियों को सावधानी बरतना होगी। वहीं मेष,मिथुन और धनु राशि स्वामियों को लाभ होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल