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स्व-सहायता समूहों को जोड़कर नर्सरी विकसित कराएँ: संभाग आयुक्त खत्री

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स्व-सहायता समूहों को जोड़कर नर्सरी विकसित कराएँ: संभाग आयुक्त खत्री
स्व-सहायता समूहों को जोड़कर नर्सरी विकसित कराएँ: संभाग आयुक्त खत्री


- संभाग आयुक्त ने की ग्वालियर जिले की वृक्षारोपण कार्ययोजना व जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा

- “एक पेड़ माँ के नाम” को जन-जन का अभियान बनाने पर दिया जोर

ग्वालियर, 3 जुलाई (हि.स.)। स्व-सहायता समूहों को जोड़कर नर्सरी विकसित कराएँ, जिससे पौधों की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ समूह की महिलाओं की आय भी बढ़े। यह बात संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने बुधवार को ग्वालियर जिले में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के रूप में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण के लिये बनाई गई कार्ययोजना और जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत हो रहे जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार इस प्रकार से किया जाए, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ इनसे सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो और लोगों को आय के अतिरिक्त साधन भी उपलब्ध हों।

यहाँ संभाग आयुक्त कार्यालय में बुधवार को हुई बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, वन मण्डलाधिकारी अंकित पाण्डेय, ग्वालियर विकास प्राधिकरण के सीईओ नरोत्तम भार्गव एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, नगर निगम, वन, जिला पंचायत व सामाजिक वानिकी सहित सभी विभागों के समन्वय से वृक्षारोपण किया जाए। वृक्षारोपण इस प्रकार से हो कि रोपे गए पौधे पेड़ बन सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप “एक पेड़ माँ के नाम” को जन-जन का अभियान बनाएँ। प्रयास ऐसे हों, जिससे लोग स्वप्रेरणा से पौधे रोपें और जिले के हर क्षेत्र से अपनी माँ एवं अन्य परिजनों के साथ पौधे रोपते हुए लोगों की सेल्फी प्राप्त हों। वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिये भी कहा। वृक्षारोपण में सामाजिक व स्वैच्छिक संगठन, प्रकृति प्रेमी एवं सेवाभावी नागरिकों को सहभागी बनाने के निर्देश भी संभाग आयुक्त ने दिए।

कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में बताया कि ग्वालियर जिले में सभी विभागों के समन्वय एवं जन सहयोग से लगभग 15 लाख पौधे रोपने की कार्ययोजना बनाई गई है। पौधे रोपने के लिये वृहद स्तर पर गड्ढे खोदने का काम किया गया है। साथ ही पौधरोपण का काम भी शुरू हो गया है। नगर निगम द्वारा 10 लाख, वन विभाग द्वारा 3 लाख एवं जिला पंचायत द्वारा एक लाख पौधे रोपने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अलावा अन्य विभागों के समन्वय से पौधे रोपे जाएंगे।

जल संरचनाएं आजीविका का साधन भी बनें

संभाग आयुक्त खत्री ने जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार इस प्रकार करें कि ये संरचनायें लोगों की आजीविका का साधन भी बनें। बड़ी-बड़ी एवं ऐतिहासिक महत्व की जल संरचनाओं को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम प्रमुखता से हो। साथ ही जल संरचनाओं में मत्स्य पालन व सिंघाड़ा पालन जैसी आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाए। नगरीय निकाय जल संरचनाओं में नौकायन व वाटर स्पोर्ट्स आदि शुरू कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। संभाग आयुक्त ने जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार में गुणवत्ता का ध्यान रखने पर विशेष बल दिया। उन्होंने तालाबों के गहरीकरण के साथ-साथ पुरानी बावड़ी व कुओं को उपयोगी बनाने के निर्देश भी दिए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा