किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिलने पर प्रदेश भर की मंड़िया बंद कराएगी कांग्रेस
भोपाल, 21 सितंबर (हि.स.)। किसान संगठनों के आव्हान पर किसानों द्वारा विगत 13 सितम्बर को प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों और घोषणा अनुरूप फसलों के समर्थन मूल्य नहीं दिये जाने के विरोध में निकाली गई विशाल किसान रैली में आये किसानों का आभार व्यक्त करने के लिए शनिवार काे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी किसान न्याया यात्रा के तहत हरदा पहुंचे। इस मौके पर पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे, विधायक रामकिशोर दोगने, पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल सहित अन्य नेतागण उपस्थित थे।
जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को सोयाबीन, गेहूं और धान के समर्थन मूल्य दिलाने प्रदेश भर में किसान न्याय यात्रायें निकाली गई है, जिसका आगाज बीते 10 सितम्बर को मंदसौर से हुआ था, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर बुधनी और फिर प्रदेश के सभी जिलों में 20 सितम्बर को एक साथ किसान न्याय यात्राऐं निकाली गई। इन रैलियों में सभी वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और हजारों की संख्या में टैक्टर लिये किसानों ने भी भाग लिया। लेकिन हरदा में किसानों द्वारा प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी किसान रैली निकाली गई थी, इसलिए मैं एक बार फिर मैं किसान न्याय यात्रा के तहत उन किसान भाईयों का आभार व्यक्त करने, उन्हें धन्यवाद देने हरदा आया हूं।
पटवारी ने कहा कि देश की मोदी और प्रदेश की मोहन यादव सरकार किसानों से किये वादे मुकर गई है। खेती को लाभ का धंधा बताने वाले भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किसानों से वोट लेने के लिए किसानों की आय दोगुनी करने, सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6हजार, धान के 31साै रूपये और गेहूं का 27साै रूपये समर्थन मूल्य देने की चुनावी वादे किये, किसानों ने इसी भरोसे भाजपा को वोट दिये कि भाजपा ने जो वादे किये उसे वह पूरा करेगी, लेकिन किसान आज अपने आप को ठगा हुआ पा रहा है। खेती आज लाभ का धंधा नहीं हानि का धंधा बन गई है। किसानों को डीएपी की कमी से खेती करना मुश्किल हो रहा है। अतिवृष्टि से हुई सोयाबीन की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे कराकर मुआवजा एवं बीमा दिलाया जाये।
जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों की आवाज कांग्रेस उठाती रहेगी। हम विपक्ष में किसानों की लड़ाई उनके हक और अधिकार मिलने तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने किसानों के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपरानाया और उन्हें उनकी मांग अनुरूप समर्थन मूल्य नहीं दिया गया तो अगले पड़ाव में हम एक-एक दिन मंड़ियों में जाकर मंडियों को बंद कराने का आंदोलन चलाकर किसान विरोधी इस सरकार की नाक में दम कर देंगे। और उसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम किसानों के साथ लाखों की संख्या में भोपाल पहुंचकर विधानसभा का घेराव करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे