मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो दिवसीय खजुराहो प्रवास पर, आज होगी विभागीय समीक्षाएं, कल मंत्रीमण्डल की बैठक
भोपाल, 8 दिसंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल के साथ दो दिन के खजुराहो प्रवास पर पहुँच गए हैं, जहाँ वे कैबिनेट बैठक करेंगे, लेकिन इससे पहले वे सरकार के विभिन्न विभागों की विस्तृत समीक्षा करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मंत्रियों के साथ उनके विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, ताकि प्रस्तुतियों, प्रगति रिपोर्टों और कार्ययोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जा सके।
दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार 8 दिसम्बर को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक से होगी। यह विभाग गरीबों और जरूरतमंदों तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है। इस बैठक में मुख्यमंत्री पीडीएस में पारदर्शिता, राशन वितरण की निगरानी, उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र और डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली को और मजबूत करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे सकते हैं। साथ ही विभागीय योजनाओं की जमीनी स्थिति और सुधार की संभावनाओं पर भी व्यापक चर्चा होगी।
इसके बाद दिनभर में विभिन्न विभाग क्रमवार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। सरकार की औद्योगिक विकास रणनीति और निवेश आकर्षित करने के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में प्रदेश में निवेश बढ़ाने, उद्योगों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने और रोजगार सृजन के नए अवसरों पर चर्चा होने की संभावना है। साथ ही ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत किए जा रहे सुधारों की प्रगति भी समीक्षा का प्रमुख हिस्सा रहेगी।
एमएसएमई और राजस्व विभाग की समीक्षा पर रहेगी विशेष नजर
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। इस विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री उत्पादन क्षमता बढ़ाने, युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने, स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने और वित्तीय सहायता योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दे सकते हैं। प्रदेश में एमएसएमई क्लस्टरों के विकास और उद्योगों को उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा भी इस बैठक में शामिल रहेगी।
इसके बाद होने वाली राजस्व विभाग की बैठक भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, भू-अधिकार पुनरीक्षण, नामांतरण, बंटवारा, कब्जा नवीनीकरण तथा भू-राजस्व से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रहेगी। राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है, इसलिए इस समीक्षा से गांव-गांव तक प्रशासनिक प्रक्रियाओं के सरलीकरण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
नगरीय विकास, तकनीकि शिक्षा और कौशल विकास विभागों पर भी होगा मंथन
प्रदेश के शहरों के विकास, बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और शहरी सेवाओं के डिजिटलीकरण को गति देने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक प्रमुख रहेगी। संभव है कि मुख्यमंत्री स्वच्छता स्थिति, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की प्रगति, आवास योजनाओं और नगरीय बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दें।
इसके बाद तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभागों की संयुक्त समीक्षा होगी, जिसमें युवाओं की बढ़ती रोजगार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रमों, उद्योग-आधारित कौशल पाठ्यक्रमों और प्लेसमेंट गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार युवाओं को तकनीक आधारित रोजगार के अवसरों से जोड़ने के लिये कई योजनाएँ चला रही है, जिनकी प्रगति इस बैठक में सामने आएगी।
जनजातीय, अनुसूचित जाति कल्याण और खनिज विभाग की समीक्षा भी एजेंडे में
प्रदेश की बड़ी जनसंख्या जनजातीय और अनुसूचित जाति समुदायों से संबंधित है। इस कारण जनजातीय कार्य विभाग और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठकें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, छात्रवृत्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर केंद्रित रहेंगी। मुख्यमंत्री इन समुदायों के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं की प्रत्यक्ष प्रगति की जानकारी लेंगे और उनकी बेहतरी के लिए आगे की रणनीति तय करेंगे।
अंत में खनिज विभाग की समीक्षा में खनिज संपदा के संरक्षण, पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया, अवैध खनन पर नियंत्रण तथा राजस्व बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। खनिज विभाग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसलिए इस बैठक से कई महत्वपूर्ण निर्णय अपेक्षित हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

