अनूपपुर: किराए के भवन या पुराने शासकीय भवनों में 1172 आंगनबाड़ी केंद्रों का हो रहा है संचालन
अनूपपुर, 5 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के 1172 आंगनबाड़ी केंद्रों में 159 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन पुराने शासकीय भवन तथा 1013 किराए के मकानों में किया जा रहा है। यहां न तो बैठने के लिए पर्याप्त जगह है और न ही सामान रखने के लिए उचित स्थान। आंगनबाड़ी केंद्र में अध्यनरत बच्चों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को भी इसके संचालन में परेशान होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में और भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किराए के भवन भी उपलध नहीं होते हैं।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर विकासखंड में 39, जैतहरी विकासखंड में 25, कोतमा में 20 तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 75 आंगनबाड़ी केंद्र बिना भवन के संचालित हैं और भवन के उपलध न होने पर पुराने पंचायत भवन तथा 58 आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन सभी 159 आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण के लिए बजट उपलध कराने वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजा है।
1172 आंगनबाड़ी केंद्रों का हो रहा संचालन
जिले में वर्तमान में कुल 1172 आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन कि जा रहा है जिसमें अनूपपुर विकासखंड में 278, जैतहरी विकासखंड में 280, कोतमा विकासखंड में 168 एवं पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 446 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जहां आंगनबाड़ी केंद्र के खुद के भवन नहीं हैं जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग लंबे समय से यहां नवीन आंगनबाड़ी भवन बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक नए भवन की स्वीकृति नहीं मिली है।
जगह और कमरे की कमी
जिला मुख्यालय अनूपपुर के वार्ड 9 में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किराए के भवन में हो रहा है। यहां बच्चों के बैठने के लिए न तो पर्याप्त जगह है और न ही खिलौने व कुर्सियों को रखने के लिए स्थान है। खाना दिए जाने वाले बर्तन भी जमीन पर रखने पड़ रहे हैं। वहीं वार्ड 11 तथा 12 के बीच किराए के भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। टीन शेड वाले इस भवन में गर्मी के दिनों में अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है। बैठना भी मुश्किल हो जाता है। यहां भी जगह की कमी है। बच्चों के खेलने के लिए स्थान भी नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र एक कमरे में संचालित की जाती है।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास अधिकारी अनूपपुर विनोद परस्ते का कहना है कि नए भवन निर्माण के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा हैं, किराये के जो भवन निर्धारित राशि के अंदर मिल जातेहैं उसी में संचालित करना पड़ता है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

