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झाबुआ: शांतिपूर्ण तरीके से शासकीय कार्य निष्पादन व लोक प्रशांति बनाए रखने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

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झाबुआ; 3 जुलाई (हि.स.)। असामाजिक तत्वों द्वारा आग्नेयास्त्र, एवं विस्फोटक पदार्थ का उपयोग कर बलवा, अशांति, लूटमार आदि आशंकाओं के मद्देनजर एवं शांतिपूर्ण तरीके से शासकीय कार्य निष्पादन एवं लोक प्रशांति बनाए रखने के उद्देश्य से अनुविभागीय दण्डाधिकारी झाबुआ द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के अंतर्गत बुधवार को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया गया है।

एसडीएम द्वारा बुधवार को जारी किए गए आदेश के संबंध में प्राप्त हुई जानकारी अनुसार कलेक्टोरेट परिसर में आये दिन कतिपय व्यक्तियों, संस्थाओं या संगठनों के द्वारा प्रदर्शन, ज्ञापन के दौरान कानून व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था भंग कर गडबड़ी फैलाने एवं आग्नेय शस्त्र, घातक हथियार एवं विस्फोटक पदार्थ का दुरूपयोग किए जाने की प्रबल आशंका रहती है, साथ ही असामाजिक तत्वों द्वारा भी आग्नेय शस्त्र, एवं विस्फोटक पदार्थ का उपयोग कर बलवा, अशांति, लूटमार आदि की आशंका बनी रहती है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवं शांतिपूर्ण तरीके से शासकीय कार्यों के निष्पादन और लोक प्रशांति बनाए रखने के उद्देश्य से अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग झाबुआ द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत 01 जुलाई 2024 को पारित कानून के संबंध में आज बुधवार को उक्त आदेश जारी किया गया है।

उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश के जारी होने के बाद कलेक्टोरेट परिसर झाबुआ में सम्पूर्ण क्षेत्र मैं कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, बिना सूचना के ज्ञापन आदि प्रस्तुत नहीं कर सकेंगें, न ही किसी भी प्रकार का आग्नेयास्त्र, विस्फोट पदार्थ या किसी भी तरह के घातक हथियार अपने साथ लेकर ही चल सकेंगे। जारी किए गए आदेश के बाद अब कोई भी व्यक्ति, संगठन, राजनैतिक दल या दलीय प्रत्याशी बिना पूर्वानुमति के न तो कलेक्टर कार्यालय परिसर में आम सभा कर सकेगा या रैली निकाल सकेगा, और न ही जुलूस का आयोजन ही किया जा सकेगा।

आदेश में खुलासा करते हुए स्पष्ट किया गया है कि। कानून व्यवस्था के कार्यों में संलग्न लोकसेवकों, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल तथा विशेष रूप से प्राधिकृत व्यक्तियों पर यह आदेश प्रभावशील नहीं होगा, साथ ही यह कानून सर्वसाधारण को संबोधित है एवं समयाभाव के कारण इसकी तामिली एवं सुनवाई सम्यक समय में करना संभव नहीं है, अतः यह आदेश धारा-163 की उपधारा-2 के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है, जो कि तत्काल प्रभावशील होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा/मुकेश