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अनूपपुर: जिले में दो हजार छात्र-छात्राओं ने परिवार की समस्या पर प्राथमिक से छोड़ा विद्यालय

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अनूपपुर: जिले में दो हजार छात्र-छात्राओं ने परिवार की समस्या पर प्राथमिक से छोड़ा विद्यालय


अनूपपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न कर्म से प्राथमिक शिक्षा बीच में ही छोड़कर अन्य कार्य में लग जाने वाले शाला त्यागी छात्र-छात्राओं को फिर से विद्यालय में दाखिला दिलाते हुए प्रवेश कराए जाने एवं उन्हें फिर से शिक्षा से जोड़ने में जिले का शिक्षा विभाग असफल साबित हो रहा है। जिले भर में 2000 से अधिक छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिन्होंने प्राथमिक कक्षाओं में ही अपनी शैक्षणिक गतिविधि को छोड़ते हुए मजदूरी सहित अन्य कार्यों में लग गए हैं जिन्हें फिर से विद्यालय तक लाकर उनका प्रवेश कराए जाने के लिए विभाग ने जिले के सर्व शिक्षा अभियान विभाग को यह जिम्मेदारी दी थी जिसमें से एक सैकड़ा छात्र-छात्राओं को ही विद्यालय में दोबारा प्रवेश दिलाया जा सका।

शाला त्यागी बच्चों की जिले में यह है स्थिति

अनूपपुर जिले में शाला त्यागी छात्र-छात्राओं की संख्या 2055 है जिनमें से 138 छात्र-छात्राओं को ही दोबारा विद्यालय में प्रवेश दिलाया जा सका इसमें पुष्पराजगढ़ विकासखंड में सबसे ज्यादा 1132 वहीं दूसरे नंबर पर जैतहरी विकासखंड है जहां 509 छात्र छात्राएं इस श्रेणी में शामिल है वही अनूपपुर में 226 तथा कोतमा में 188 छात्र-छात्राओं ने प्राथमिक शिक्षा बीच में ही छोड़ दी। विकासखंड अनूपपुर में शाला त्यागी 226, दोबारा प्रवेशित 21, जैतहरी में शाला त्यागी 509 दोबारा प्रवेशित 40, कोतमा शाला त्यागी 188 दोबारा प्रवेशित 12, पुष्पराजगढ़ में शाला त्यागी 1132 दोबारा प्रवेशित 65 कुल शाला त्यागी 2055 दोबारा प्रवेशित138 हैं।

वर्तमान में जिले के विद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राएं में कुल 61073 हैं। विकासखंडवार में अनूपपुर में 11380 जिसमे कक्षा 1 में 1316, कक्षा 2 में 878 कक्षा 3 में 1355, कक्षा 4 में 1544, कक्षा 5 में 1669, कक्षा 6 में 1472, कक्षा 7वीं में 1649 एवं कक्षा 8वीं में 1497, विकासखंड जैतहरी में कुल 16571 अध्यनरत छात्र-छात्राओं में कक्षा 1 में 1849, कक्षा 2 में 1188, कक्षा 3 में 1937, कक्षा 4 में 1984,कक्षा 5वीं में 2297, कक्षा 6वीं में 2246, कक्षा 7वीं में 2745 एवं कक्षा 8वीं में 2325 अध्यनरत छात्र-छात्राएं हैं। विकासखंड कोतमा में कुल अध्यनरत छात्र-छात्राओं में 7325 में कक्षा 1 में 732, कक्षा 2 में 540, कक्षा 3 में 836,कक्षा 4 में 945, कक्षा 5वी में 1090, कक्षा 6वी में 978,कक्षा 7वी में 1154, कक्षा 8वीं में 1050 अध्यनरत हैं। विकासखंड पुष्पराजगढ़ में कुल 25797 जिसमे कक्षा 1 में 3104, कक्षा 2 में 2663, कक्षा 3 में 3059, कक्षा 4 में 3324, कक्षा 5वीं में 3448,कक्षा 6 वीं में 3053, कक्षा 7 वीं में 3826 एवं कक्षा 8 वीं में 3320 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं।

विभाग ने कहा ज्यादातर अन्य स्थान पर मजदूरी सहित अन्य कार्य में लगे

इस मामले को लेकर के विभाग का कहना है कि शाला त्यागी बच्चों को शैक्षणिक कार्य से जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया था तथा घर-घर जाकर के ऐसे बच्चों को फिर से विद्यालय में प्रवेश दिलाने का कार्य किया गया लेकिन ज्यादातर बच्चे ऐसे है जोकि अन्य क्षेत्र में जाकर के मजदूरी सहित अन्य कार्य कर रहे हैं। उनके परिजनों से संपर्क किया गया और उन्हें बुलाने का भी प्रयास किया गया बावजूद इसके वह नहीं मिले। इसके साथ ही इसमें कुछ ऐसे भी छात्र-छात्राओं की संख्या जोड़ दी गई है जिनकी आयु अधिक हो चुकी है लेकिन बीच में ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में आरटीई योजना भी नहीं हुई कारगर

शाला त्यागी छात्र-छात्राओं में सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के हैं। जिसमें सर्वाधिक पुष्पराजगढ़ विकासखंड के हैं जहां विद्यालय दूर दराज स्थित होने के कारण ही घर की जिम्मेदारियां को निभाने की वजह से भी पढ़ाई छोड़ने की बात सामने आई है। कक्षा 1 से 8तक प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए शासन ने शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया है बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी तथा घर की जिम्मेदारी लोगों को इससे दूर रखे हुए हैं।

डीपीसी आशुतोष कुशवाहा का कहना है कि शाला त्यागी छात्र-छात्राओं को दोबारा विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए चाइल्ड ट्रैकिंग के माध्यम से दोबारा प्रवेश दिलाया गया है 1800 से अधिक बच्चे ऐसे हैं जो की अन्य राज्यों में अपने माता-पिता के साथ मजदूरी के लिए चले गए हैं। जो भी मिले हैं उन्हें ऑन स्पॉट ऐडमिशन दिलाते हुए विद्यालय से जोड़ा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला