पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गयी
रांची, 24 अगस्त (हि.स.)। टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से झारखंड आदिवासी विकास समिति के तत्वावधान में रविवार को शिक्षाविद, झारखंड आंदोलनकारी एवं महान सांस्कृतिक पुरोधा पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई गई। समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग के नेतृत्व में पारंपरिक वाद्ययंत्रों ढोल, मांदर, नगाड़ा, बांसुरी और नरसिंघा की धुन पर पारंपरिक वेशभूषा में रांची विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय जनजातीय भाषा विभाग के अखड़ा से पदयात्रा निकाली गई, जो नाचते-गाते पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा स्मृति अखड़ा ओपन स्पेस थिएटर पहुंची। यहां मुंडा की प्रतिमा पर पाहन पूजा और माल्यार्पण किया गया। इसके साथ ही अखड़ा संस्कृति को दर्शाती 11 प्रतिमाओं पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
मुख्य अतिथि एवं मुंडा के सहयोगी फिल्मकार मेघनाथ ने अपने संस्मरण साझा करते हुए बताया कि नाची से बांची फिल्म के अंतिम हिस्से में डॉ. मुंडा ने इसी ओपन थिएटर में अपनी बात रखी थी। उन्होंने युवाओं से अखड़ा संस्कृति और जनजातीय परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। मौके पर नाची से बांची फिल्म का प्रदर्शन भी बड़े परदे पर किया गया। इसके बाद बलेश नायक के नेतृत्व में कुंजवान टीम ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित लोक कलाकार सुखराम पाहन ने अपनी टीम के साथ मुंडा की ओर से रचित गीत गाए और मुंडारी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में पद्मश्री मुकुंद नायक और मांदर सम्राट मनपुरन नायक की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया।
अध्यक्ष प्रभाकर नाग ने कहा कि समिति, ओपन स्पेस थिएटर स्थित डॉ. मुंडा स्मृति अखड़ा के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्निर्माण के लिए संकल्पित है तथा उनके सपनों को आगे बढ़ाने का कार्य निरंतर करती रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

