शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार : शशि प्रकाश
रांची, 1 अगस्त (हि.स.)। मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम और ईश्वरीय आहार है, जो किसी भी अन्य भोजन से तुलना योग्य नहीं। यह बातें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने शुक्रवार को लोक स्वास्थ्य संस्थान, नामकुम स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित विश्व स्तनपान दिवस के अवसर पर कहीं।
इसके पूर्व उन्होंने स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
शशी प्रकाश झा ने कहा कि मां का दूध पोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता और भावनात्मक लगाव देने वाला संपूर्ण आहार है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों और सहिया बहनों से अपील किया कि वे स्तनपान से जुड़ी सही जानकारी गर्भवती महिलाओं और आमजनों तक पहुंचाएं।
स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक प्रमुख डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि स्तनपान से माताओं में स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरके जायसवाल ने बताया कि जन्म से छह माह तक शिशु को केवल मां का दूध ही देना चाहिए, घुट्टी, शहद या पानी देना गलत परंपरा है।
डॉ पुष्पा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृत्व कोषांग) ने कहा कि डिब्बा बंद दूध से शिशु में बीमारियों का खतरा बढ़ता है, वहीं मां के दूध से प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। समाज और परिवार को स्तनपान के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए।
डॉ एलआर पाठक ने बताया कि झारखंड में छह माह तक स्तनपान कराने की परंपरा में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन जन्म के पहले घंटे में गाढ़ा पीला दूध पिलाने की परंपरा घटकर 21 प्रतिशत रह गई है, जो चिंता का विषय है।
कार्यक्रम में डॉ जेसीना, डॉ लाल माझी, डॉ कमलेश, डॉ अश्विनी, डॉ प्रदीप सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार रखे। रजनी ने कार्यक्रम का संचालन किया और नागपुरी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्तनपान पर जनजागरूकता फैलाई गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एनएचएम अधिकारी, सहिया, प्रशिक्षु छात्राएं और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

