मानसिक परेशानियों से जूझ रहे आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाएं : जेपी पांडेय
रांची, 23 जून (हि.स.)। देशभर में कुपोषण मिटाने और महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं खुद शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण की शिकार हो रही हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में लागू एफआरसी (फैमिली रिसोर्स कोर्ट) और ईकेवाईसी के कारण यह स्थिति उत्पन हो रही। उन पर काम का अनावश्यक बोझ और तनाव लगातार बढ़ रहा है। यह बातें झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के संयोजक जय प्रकाश पांडेय ने सोमवार को कही।
पांडेय ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो कुपोषण मुक्त भारत और 2047 तक विकसित राष्ट्र का सपना अधूरा रह जाएगा।
मौके पर राष्ट्रीय मंत्री अशोक नयन, प्रदेश अध्यक्ष देवती देवी और प्रयाग यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से मांग की है कि एफआरसी और ईकेवाईसी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
संघ के नेताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सेविका रामगुनी देवी को लाभार्थियों के घर एफआरसी करने के दौरान पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया गया। उन्हें सिर में 28 टांके आए हैं। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां सेविकाएं ब्लड प्रेशर, शुगर और मानसिक तनाव से पीड़ित हैं।
संघ के नेताओं ने कहा कि जब पोषाहार की राशि, वेतन, रिचार्ज और मकान भाड़ा तक समय पर नहीं मिल रहा, तब ऐसे कार्यों का दबाव असहनीय है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को राज्य या केंद्र सरकार का कर्मचारी घोषित करने, पीएफ, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट लाभ और पेंशन बहाल करने की मांग की।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

