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भारतीय सौम्य कूटनीति में तकनीकी प्रगति का महत्वपूर्ण साधन: धनखड़

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150 वर्ष पूरे होने पर समारोह में उपस्थित होते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि उद्योग घरानों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है...
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नई दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150 वर्ष पूरे होने पर समारोह में उपस्थित होते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि उद्योग घरानों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है और यह भारतीय सौम्य कूटनीति के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

धनखड़ ने एक सम्मेलन में अपने भाषण में कहा कि तकनीकी प्रगति से उद्योग घरानों को साझा होने वाले संस्थानों का सहयोग करने से देश में अधिक विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि आईएमडी के 150 वर्षों की ऊर्जा से हमें एक नई ऊर्जा मिलेगी और यह भारत को विश्व में मानव समृद्धि में एक प्रमुख योगदान के रूप में स्थापित कर सकता है।

उन्होंने भारतीय सौम्य कूटनीति की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि यह एक बड़ी साझेदारी है जो दोनों देशों के बीच सशक्त और सुरक्षित तंत्र की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने समृद्धि के क्षेत्र में विकेन्द्रीय योजनाओं का समर्थन किया और उन्हें सरकार के लिए सहायक होने का भरपूर वादा किया।

आईएमडी की विशेषज्ञता और बंगलादेश तथा म्यांमार की सराहना का उल्लेख करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि एक प्रमुख सौम्य कूटनीति के उपकरण के रूप में तकनीकी प्रगति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, अपने पड़ोसियों और अन्य देशों तक अपनी मौसम और जलवायु सेवाओं का विस्तार करके, हम न केवल क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करते हैं बल्कि विश्व के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ करते हैं।

उन्होंने कहा कि जमीन जोतने वाले किसानों से लेकर सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों तक मौसम विभाग की जानकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी और अनुसंधान सहयोग के माध्यम से प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आपदा न्यूनीकरण में सहयोग किया जाना चाहिए।