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नेपाल : गठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच घमासान से सुदूर पश्चिम प्रदेश सरकार का भविष्य संकट में

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- ओली ने अपने ही गठबंधन के मुख्यमंत्री को विश्वास का मत देने से इंकार

काठमांडू, 05 मई (हि.स.)। नेपाल के सत्तारूढ़ वाम गठबंधन के बीच चल रहे मनमुटाव का असर अब सार्वजनिक मंचों से प्रदेश सरकार के भविष्य पर भी दिखाई देने लगा है। गठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच चल रहे घमासान से सुदूर पश्चिम प्रदेश सरकार का भविष्य संकट में पड़ गया है।

वर्तमान सत्ता गठबंधन के प्रमुख नेता केपी शर्मा ओली ने सुदूर पश्चिम सरकार के मुख्यमंत्री ने ही घटक दल एकीकृत समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री दीर्घराज सोडारी को विश्वास मत नहीं देने का निर्देश दिया है। सुदूर पश्चिम के मुख्यमंत्री सेडारो की तरफ से पिछले कुछ दिनों से विश्वास मत हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन ओली की पार्टी के विरोध के कारण सफलता नहीं मिल पाई है।

सुदूर पश्चिम प्रदेश के एमाले के प्रमुख नेता आज जब अपने पार्टी के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली से मिलने काठमांडू आए तो ओली ने साफ शब्दों में कह दिया है कि मुख्यमंत्री सोडारी के पक्ष में तत्काल विश्वास मत देने की आवश्यकता नहीं है। ओली से हुई बातचीत का हवाला देते हुए सुदूर पश्चिम एमाले के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावल ने बताया कि एकीकृत समाजवादी की गतिविधि के कारण अभी यह तय नहीं है कि वो इस गठबंधन में रहेंगे या नहीं, इसलिए पार्टी अध्यक्ष ओली ने मना किया है।

नेपाल में वामपंथी गठबंधन बनने के बाद जब प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही थी तो उस समय सुदूर पश्चिम प्रदेश एमाले को देने पर सहमति हुई थी लेकिन केन्द्र की गठबंधन सरकार को बचाने के लिए बाद में विश्वास मत एकीकृत समाजवादी पार्टी को देना पड़ा, जिससे ओली नाराज हैं। पिछले कुछ दिनों से गठबंधन में चल रही उठापटक के कारण ओली को बहुमत का वोट नहीं देने का बहाना मिल गया है।

नेपाल के संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक शपथ लेने के 30 दिनों के भीतर विश्वास का मत लेना होता है। सुदूर पश्चिम में सोडारी के नेतृत्व में 18 अप्रैल को शपथ दिलाई गई थी। वैसे सेडारी के पास बहुमत लेने के लिए अभी 17 मई तक का समय है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/सुनीत