अंधविश्वास की तमाम घटनाएं हमें ये सोचने के लिए विवश करती कि आखिर तकनीकी और विज्ञान में बुलंदियों पर पहुंचने के वादों में कोई लीकेज जरूर है, वरना अंधविश्वास की चपेट में लोग नहीं आते. ये अंधविश्वास की घटना अमेरिका की है. जब 900 से अधिक लोगों ने एक झटके में अपनी जान गवां दी थी. यह घटना 44 साल पहले की है. जब 18 नवंबर, 1978 को यह दिल दहला देने वाली घटना घटी थी, जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान हो गया था. दरअसल, इस घटना के पीछे जिम जोंस नामक एक धर्मगुरु का हाथ माना जाता है. जिम जोंस खुद को भगवान का अवतार बताता था. इस घटना की शुरुआत कुछ इस कदर ऐसे हुई कि जिम जोंस ने लोगों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के लिए जरूरतमंद लोगों की मदद के नाम पर साल 1956 में 'पीपल्स टेंपल' (लोगों का मंदिर) नाम का एक चर्च का निर्माण कराया और अपनी धार्मिक बातों और अंधविश्वास के दम पर उसने हजारों लोगों को अपना अनुयायी भी बना लिया. चूंकि जिम जोंस कम्युनिष्ट विचारधारा का अनुयायी था और उसके विचार तत्कालीन अमेरिकी सरकार से अलग थे। इसलिए वो अपने अनुयायियों के साथ शहर से काफी दूर गुयाना के जंगलों में चला गया और वहीं पर उसने एक छोटा सा गांव भी बसा दिया. लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उसकी असलियत लोगों के सामने आने लगी. दरअसल, जिम जोंस अपने अनुयायियों (चाहे वो महिला हो या पुरुष) से दिनभर मेहनत वाले काम कराता था और रात में जब वो थक-हारकर सोने के लिए चले जाते तो वो उन्हें चैन से सोने भी नहीं देता था और अपना प्रवचन शुरू कर देता था. इस दरमियान उसके सिपाही घर-घर जाकर देखते थे कि कहीं कोई व्यक्ति सो तो नहीं रहा. अगर कोई भी सोता हुआ पाया जाता था वो उन्हें बहुत कड़ी सजा देता था. यहां तक कि वो लोगों को गांव से बाहर भी जाने नहीं देता था. पुरुष और महिलाएं जब खेतों में काम करती थीं, तो उनके बच्चों को एक कम्युनिटी हॉल में रखा जाता था. उसके सिपाही गांव के चारों तरफ दिन-रात पहरा देते रहते थे, ताकि कोई भी इंसान वहां से भाग न जाए. जिम जोंस ने अपने अंधविश्वास का जाल इस कदर फैला रखा था कि अपने अनुयायियों से वो जो भी कहता, लोग उसे सहजता से मान लेते. इसी बीच अमेरिकी सरकार को वहां हो रही गतिविधियों के बारे में पता चला तो अमेरिकी सरकार ने कार्रवाई करने की सोची. लेकिन इसका पता जिम जोंस को भी चल गया और उसने अपने सभी अनुयायियों को तत्काल एक जगह इकट्ठा होने के लिए बोला. कहा जाता है कि इस दरमियान जिम जोंस ने लोगों से कहा, 'अमेरिकी सरकार हम सबको जान से मारने आ रही है. इससे पहले कि वो हमें गोलियों से छलनी करें, हम सबको पवित्र जल पी लेना चाहिए। पवित्र जल पीने से हम गोलियों के दर्द से बच जाएंगे.' जिम जोंस ने लोगों से कहा कि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो वो हमें बम से उड़ा देंगे और जो बच जाएंगे उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव करेंगे. उसने आगे कहा वो महिलाओं के साथ रेप करेंगे, बच्चों को तरह-तरह की यातना देंगे। इसलिए हमें खुद को उनसे बचाने के लिए इस पवित्र जल को पीना पड़ेगा. जिम जोंस ने पहले ही एक बड़े से टब में खतरनाक जहर मिलाकर पहले एक सॉफ्ट ड्रिंक बनवा लिया था और उन ड्रिंक को लोगों को पीने के लिए दे दिया. इस दरमियान जिसने भी जहरीला ड्रिंक पीने से मना किया, उन्हें जबरन पिलाया गया. इस तरह एक अंधविश्वासी के जाल में फंसकर 900 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी. जिसमें 300 से अधिक बच्चे भी शामिल थे. इस घटना को अब तक के घटित सबसे बड़े नरसंहारों में से एक माना जाता है. कहा ये भी जाता है कि लोगों के मरने के बाद जिम जोंस का शव भी एक जगह पाया गया था. उसने खुद को गोली मार ली थी या शायद किसी ने उसके कहने पर उसे गोली मारकर उसको भी मौत की नींद सुला दिया ये तथ्य अभी तक राज बना हुआ है.