कतर में हमास नेताओं पर इजराइल का हवाई हमला, खलील अल-हय्या के बेटे की मौत
- अंतरराष्ट्रीय निंदा तेज, संघर्षविराम वार्ता पर गंभीर संकट
दोहा/दुबई, 09 सितंबर (हि.स.)। इजराइल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में हमास नेतृत्व पर हवाई हमला किया। यह हमला उस देश की धरती पर हुआ जो अब तक गाजा युद्ध में शांति वार्ता का प्रमुख केंद्र रहा है। कतर ने इसे “कायराना” और “अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन” बताते हुए कड़ी निंदा की है।
हमास नेता सुहैल अल-हिंदी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस हमले में वरिष्ठ हमास नेता खलील अल-हय्या के बेटे हम्माम और उनके एक प्रमुख सहयोगी की मौत हो गई। इसके अलावा, तीन अंगरक्षकों का भी पता नहीं चल सका है। अल-हिंदी ने कहा, “आंदोलन के नेतृत्व का खून किसी भी फिलिस्तीनी बच्चे के खून के समान है।”
वहीं, हमले को लेकर इजराइल ने कहा कि उनका निशाना शीर्ष हमास नेतृत्व था, जिसमें खलील अल-हय्या और वार्ता दल के अन्य सदस्य शामिल थे। वॉशिंगटन में एक व्हाइट हाउस अधिकारी ने भी पुष्टि की है कि अमेरिका को इस हमले की जानकारी पहले ही दे दी गई थी।
मिस्र, स्पेन और हूती विद्रोहियों की प्रतिक्रिया
मिस्र की राष्ट्रपति कार्यालय ने जारी बयान में कहा कि हमला उस बैठक पर किया गया जिसमें गाजा में संघर्षविराम को लेकर चर्चा चल रही थी। मिस्र ने इसे “गंभीर और अस्वीकार्य विकास” बताते हुए कतर की संप्रभुता पर सीधा हमला कहा।
स्पेन की सरकार ने इसे “कतर की क्षेत्रीय संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन” बताते हुए सख्त निंदा की। स्पेन ने तत्काल हिंसा रोकने और कूटनीतिक वार्ता फिर शुरू करने की भी अपील की।
यमन के हूती संगठन के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य मोहम्मद अल-फराह ने सोशल मीडिय पर किए पोस्ट में लिखा कि इजराइल और अमेरिका इस हमले के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने इसे “संघर्षविराम की उम्मीदों की हत्या और शांति की संभावनाओं को कुचलने का प्रयास” बताया।
गाजा और येरुशलम में तनाव
इस इजराइली हमले से ठीक पहले हमास की सैन्य इकाई अल-कसम ब्रिगेड्स ने येरुशलम के बाहरी इलाके में एक बस स्टॉप पर गोलीबारी कर छह लोगों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद इजराइल ने गाजी सिटी में तत्काल निकासी का आदेश दिया और सैन्य कार्रवाई तेज कर दी।
माना जा रहा है कि कतर में हुआ यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि वार्ता प्रक्रिया पर सीधा हमला है। इससे संघर्षविराम की कोशिशों को गहरा धक्का लगा है और मध्य पूर्व की स्थिरता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

