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नेपाल-भारत के बीच 6 साल बाद पुनः सीमा समस्या पर बातचीत के लिए बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक अगस्त में प्रस्तावित

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नेपाल-भारत के बीच 6 साल बाद पुनः सीमा समस्या पर बातचीत के लिए बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक अगस्त में प्रस्तावित


काठमांडू, 12 जुलाई (हि.स.)। नेपाल और भारत के बीच रहे सीमा समस्या पर बातचीत के लिए बनाई गई बाउंड्री वर्किंग ग्रुप की बैठक 6 साल बाद फिर से करने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच अगस्त में इस बैठक को करने का प्रस्ताव रखा गया है।

सीमा वार्ता को फिर से शुरू करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में भारत ने सीमा कार्य समूह (बीडब्ल्यूजी) की अगली बैठक की तारीखों का प्रस्ताव रखा है- जो नेपाल-भारत सीमा पर फील्डवर्क के साथ काम करने वाला उच्चतम स्तर का द्विपक्षीय तंत्र है।

इसमें सीमा स्तंभों का निर्माण, बहाली और मरम्मत, नो-मैंस लैंड को खाली करना और अन्य तकनीकी कार्य शामिल है। हालांकि इस बैठक में सुस्ता और कालापानी के विवादित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सीमा क्षेत्र की ही बात होती है।

देहरादून में 28 अगस्त से 2019 को हुई पिछली बीडब्ल्यूजी बैठक में दोनों पक्ष 2022 के अंत तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शेष कार्य को पूरा करने पर सहमत हुए थे। हालांकि, बीच में आई कोविड महामारी के कारण आगे कोई बैठक नहीं हो सकी। महामारी और उसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के कारण इस बैठक में देरी होने की बात नेपाल के विदेश सचिव अमृत राई ने कही है।

बीडब्ल्यूजी की स्थापना 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान की गई थी और इसका गठन दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से सीमा पर तकनीकी कार्यों को संभालने के लिए किया गया था।

महामारी के बाद, नेपाल ने बार-बार बीडब्ल्यूजी बैठकों को फिर से शुरू करने का आग्रह किया, लेकिन नेपाल में बदलते राजनीतिक हालात में भारत के तरफ से इसमें सहमत नहीं था।

अधिकारियों के अनुसार, दोनों पक्षों के सीमा पार फील्डवर्क फिर से शुरू करने और 2019 से पहले अधूरे कार्यों को पूरा करने की उम्मीद है। पिछले छह वर्षों में, नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल और भारत के सशस्त्र सीमा बल ने सीमा स्तंभों का अस्थायी रखरखाव किया है। हालाँकि, इस तरह का काम बीडब्ल्यूजी के औपचारिक जनादेश के अंतर्गत आता है।

विदेश सचिव राई ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमा स्तंभों के निर्माण और मरम्मत, अतिक्रमणों की सूची तैयार करने और जीपीएस-आधारित टिप्पणियों का संचालन करने जैसे कार्यों को करने के लिए संयुक्त टीमों का गठन किया था। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ जिम्मेदारियों को नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल और भारत के सशस्त्र सीमा बल द्वारा संभाला जा रहा है,

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास