अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) में ईरान की निंदा वाले प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिससे भारत खुद को अलग रखा. वह भी तब जब ये प्रस्ताव भारत के सबसे करीबी मजबूत दोस्त माने जाने वाले जर्मनी, अमेरिका, यूके, और फ्रांस जैसे शक्तिशाली देश लेकर आए थे. गौरतलब है कि भारत के इस कदम के कई कूटनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. विदित है कि इससे भारत-ईरान के रिश्ते मजबूत होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. IAEA में क्या हुआ?
शनिवार को ईरान के खिलाफ अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी की ओर से IAEA में ड्राफ्ट निंदा प्रस्ताव लाया गया था. अमेरिका ने कहा कि ईरान ने 3 अघोषित स्थलों पर यूरेनियम कणों को 'तकनीकी रूप से विश्वसनीय स्पष्टीकरण' प्रदान नहीं किया है. हालांकि, ईरान ने इस रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया. ईरान के अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी तरह की गुप्त और अपंजीकृत परमाणु गतिविधियों को हमारी तरफ से अंजाम नहीं दिया गया है. अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि पारदर्शिता के लिए ईरान में 40 से अधिक निगरानी कैमरे चालू रहेंगे। जानकारी के लिए बता दूं इस प्रस्ताव के पक्ष में 30 देशों ने वोट किया, जबकि रूस और चीन ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, तो वहीं भारत, पाकिस्तान, लीबिया ने खुद को वोटिंग से अलग रखा. जाने भारत और ईरान के बीच क्या चल रहा है?
गौरतलब है कि साल 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की मोदी सरकार बनी तो भारत के रिश्ते इस्राइल के साथ काफी मजबूत हुए. जिसके बाद ईरान के साथ दूरियां बढ़ने लगीं. कश्मीर पर ईरान ने विवादित बयान दिया तो ये दूरियां और बढ़ गईं। अमेरिका के प्रतिबंध की वजह से भारत ने ईरान से तेल खरीदना भी बंद कर दिया. दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी कमजोर हो गए. बाद में दोनों देशों ने अपनी तरफ से इसे सुधारने की कोशिश की. जब 1 महीने में 2 बार ईरान गए विदेश मंत्री एस जयशंकर
साल 2021 में विदेश मंत्री एस जयशंकर 1 महीने के अंदर 2 बार ईरान पहुंचे. गौरतलब है कि पहले उन्हें राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया था. ध्यातव्य है कि जयशंकर के दौरों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होने की पहल हुई. फिर ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर भारत आए
अभी हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह 3 दिन के दौरे पर भारत आए. इस दरमियान उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की. विदित है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ाने को लेकर समझौता हुआ.