खिसकी बोतल धड़ाम हुए शेयर

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खिसकी बोतल धड़ाम हुए शेयर, भैया रोनाल्डो ये क्या कर दिए??? ऐसा भी कोई करता है भला. बिना कुछ बोले, कुछ कहे अरबों खरबों स्वाहा कर दिए. ऐसी भी क्या दुश्मनी थी. सामने ही तो रखी थीं. अरे नहीं पीना था तो न पीते लेकिन आप तो एकदम हटा ही दिए.

नामालूम किस तरह के खिलाड़ी हैं आप. हमाये यहां के खिलाड़ियों को अगर एक दिन ये कोला नसीब न हो तो मैच रद्द हो जाये. इनको सारी एनर्जी यहीं से तो मिलती है. चौके छक्के ऐसे थोड़े ही लगते हैं. अरे बोतलें खाली करनी पड़ती हैं. तब जाके गेंद बाउंड्री पार होती है. खिलाड़ी ही क्यों हमारे यहां तो हीरो हिरोइन भी बिना कोला पिए काम नहीं कर पाते.

एक सज्जन तो ऐसे हैं कि अंगूठे वाले कोला के चक्कर में सुपरमैन, बैटमैन, शक्तिमैन सब कुछ बन जाते हैं. बड़ी बड़ी अधबनी बिल्डिंगों से चुटकी बजाते ही कूद जाते हैं. बताइये केवल बोतल के लिए इतना जोखिम कौन उठाता है. आज के समय में. सलाम है ऐसे सितारों को.

हमारे यहां क्रिकेट में जब ड्रिंक्स ब्रेक हुआ करते हैं तो खिलाड़ी पानी नहीं कोला पिया करते हैं. पानी का क्या है. कभी भी पी सकते हैं. तमाम का तो क्रिकेटर बनने के पीछे मकसद ही यही होता है कि फ्री में कोला पीने को मिलेगी. हमारे देश में लोगों के लिए अमृत के बाद किसी का नम्बर आता है तो इसी कोले का आता है. माँ बाप भी बच्चों को दाल, पानी से पहले कोला पिलाते हैं.

कोला पिलायेंगे तब न बड़ा होके बड़ा खिलाड़ी बनेगा. लेकिन भैया रोलैंडो आप धन्य हैं. इधर टेबल से बोतलें क्या खिसकायीं कम्पनी के शेयर  ही खिसक गये. खिसके क्या बल्कि धड़ाम हो गए.

कितनी ताकत है आपमें. ब्रांड वैल्यू हो तो ऐसी. गलत को गलत कहने की ताकत अब कम ही लोगों में रह गई है, वरना हमारे स्टार तो लोगों को अब सपनों वाला इलेवन खिला खिला के ही लखपति करोड़पति बनाये दे रहे हैं. कोला वोला से तो सेहत और एनर्जी सालों से मिल ही रही है.

यह एक व्यंग्य लेख है. इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति, पद, संस्था या स्थान की छवि खराब करना नहीं है. न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है.