सांस्कृतिक चेतना, अस्मिता और सामाजिक समरसता का प्रतीक हिंदू सम्मेलन : महीधर प्रसाद
मंडी, 15 दिसंबर (हि.स.)। मंडी जिला के करसोग क्षेत्र के भंथल में समाज की सांस्कृतिक चेतना, अस्मिता और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से हिंदू सम्मेलन आयोजित किया गया। आयोजन समिति भंथल द्वारा अर्धनारीश्वर मंदिर ऐधन में आयोजित हिंदू सम्मेलन का शुभारंभ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में लेजराम गूर सामाजिक कार्यकर्ता रहे। उन्होंने सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखने और परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर दिया । उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पूर्ण होने पर सभी स्वयंसेवकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महीधर प्रसाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रांत कार्यकारिणी सदस्य, अभिलेखागार एवं प्रबोधन प्रमुख रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में समाज में सांस्कृतिक चेतना, युवाओं में संस्कारों के क्षरण होने और ड्रग्स के बढ़ते दुष्प्रभाव के बारे में उपस्थित श्रोताओं को जागरूक किया। वहीं पर बच्चों में मोबाईल से पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी चेताया। उन्होंने संगठन की आवश्यकता, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक समरसता के महत्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मंच से भजन, कीर्तन के अलावा सुरेश चंद्र और बालिका हरगुन के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से समाज में एकता, समानता और राष्ट्रभाव का संदेश दिया गया। इसी वर्ष हिंद दी चादर सिखों नवम् गुरू तेगबहादुर के बलिदान के 350वां वर्ष मनाया जा रहा है। भगवान विरसा मुंडा की 150वीं जयंती, स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने और सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने जैसे ऐतिहासिक अवसरों के संयुक्त स्मरण का प्रतीक रहा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज को जोड़ने, सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त करने और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य बोध जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य व्यक्तिगत लाभ से परे समाज और राष्ट्रहित को केंद्र में रखना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

