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नाहन अस्पताल में टेस्ट सेवाएं चरमराने की कगार पर, क्र्सना लैब के कर्मचारियों दो माह से वेतन नहीं

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नाहन, 10 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों सहित नाहन में जांच सेवाएं देने वाली क्र्सना लैब के कर्मचारी पिछले दो महीनों से वेतन न मिलने की समस्या से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि लगातार वेतन में देरी होने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में टेस्ट सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि कर्मचारी सख्त कदम उठाने का मन बना रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज नाहन में कार्यरत लैब कर्मचारियों ने बताया कि समय पर सैलरी न मिलने के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश कर्मचारी नाहन में किराए के कमरों में रहते हैं। लगातार दो महीने से किराया न देने पर मकान मालिकों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वहीं घर का रोजमर्रा का खर्च उठाना भी उनके लिए चुनौती बन चुका है।

कर्मचारियों ने बताया कि वे इस मामले को कई बार लैब प्रबंधन के ध्यान में ला चुके हैं, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। प्रबंधन की ओर से यही कहा जा रहा है कि सरकार द्वारा फंड रिलीज न होने के कारण वेतन अटका हुआ है, जबकि कर्मचारी इस तर्क से परेशान हैं क्योंकि वे रोज बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि अगर जल्द ही फंड जारी नहीं होता और वेतन नहीं मिलता, तो अस्पतालों में टेस्ट सुविधाएं बाधित हो सकती हैं। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि सरकारी अस्पतालों में ज्यादातर जांचें क्र्सना लैब द्वारा ही की जाती हैं।

कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द फंड जारी किया जाए, ताकि उन्हें वेतन मिल सके और उनकी आर्थिक कठिनाइयों में राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने या सेवाएं बंद करने जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर