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देश में जल्द लागू हो 'एक देश-एक चुनाव': शान्ता कुमार

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देश में जल्द लागू हो 'एक देश-एक चुनाव': शान्ता कुमार
देश में जल्द लागू हो 'एक देश-एक चुनाव': शान्ता कुमार


शिमला, 22 मार्च (हि. स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने देश में एक साथ चुनाव की वकालत करते कहा कि एक देश एक चुनाव आज के भारत के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को शीघ्र लागू करने की मांग की है।

भाजपा नेता शान्ता कुमार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पूरे देश के चुनाव एक साथ कराना बिलकुल संभव है। आजादी के 20 साल बाद 1967 तक देश के चार चुनाव एक साथ हुए थे। वर्ष 1952 के पहले चुनाव से मैं राजनीति में हूं। मुझे याद है लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे। लोकसभा के पार्टी उम्मीदवार को बहुत कम खर्च करना पड़ता था क्योंकि उसकी पार्टी के विधानसभा के उम्मीदवार उसके लिए भी काम करते थे। इस कारण खर्च कम होता था।

शान्ता कुमार ने कहा कि वर्ष 1967 के बाद चुनाव का पूरा चक्र बिगड़ गया। दुनिया में एकमात्र ऐसा लोकतांत्रिक देश भारत है, जहां हर साल कहीं न कही चुनाव होते रहते हैं। विश्व के बाकी लोकतत्रिंक देशों में चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं। देश में किसी भी एक राज्य या उससे अधिक राज्यों में विधानसभा होता है तो पूरे देश की राजनीति वहीं केन्द्रित हो जाती है और धन भी बहुत अधिक खर्च होता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक के पांच सालों में अलग-अलग समय पर 30 विधानसभाओं के चुनाव हुए। इनमें से चार इसी साल होंगे। इस के अलावा 54 विधानसभा खाली सीटों के उपचुनाव भी हुए। पंचायत व जिला परिषद चुनाव भी हुए। किसी और देश में ऐसी मूर्खता कहीं नहीं होती।

उन्होंने कहा कि यह विषय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यदि वर्ष में एक बार पूरे छह मास का समय लगाकर पंचायत से पार्लियामेन्ट तक के सभी चुनाव करवा लिए जाएं तो उसके बाद पूरे चार साल छह माह तक देश केवल विकास के मूड़ में रहेगा।

शान्ता कुमार ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर वर्ष चुनाव होते रहने से पांच साल के सभी चुनाव पर लगभग 15 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यदि यह सारे चुनाव पांच साल की बजाए 6 मास में एक ही बार करवा लिए जाएं तो केवल पांच लाख करोड़ रुपये ही खर्च होंगे और 10 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इतने धन से दो वर्ष में भारत की गरीबी और बेरोजगारी दूर की जा सकती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि एक देश एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति की रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करके पूरे देश के चुनाव एक साथ कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/सुनील