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लोकसभा चुनाव: मंडी संसदीय क्षेत्र में आठ लाख छयासठ हजार मतदाता चुनेंगे नया सांसद

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मंडी, 16 मार्च (हि.स.)। देश में आम चुनाव का शंखनाद होते ही प्रदेश के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिला निवार्चन अधिकारी उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मंडी संसदीय सीट के लिए सात मई को चुनाव अधिसूचना जारी हो जाएगी। जिसके चलते 14 मई तक नामांकन पत्र दखलि किए जाएंगे। 13 मई को स्क्रुटनी तथा 17 मई को नाम वापस लिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में आज से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिसके चलते 24 घंटे में सरकारी भवनों से प्रचार सामग्री हटा दी जाएगी। जबकि सार्वजकि स्थलों से 48 और 52 घंटे के बीच प्रचार सामग्री हटवा दी जाएगी। उन्होंने किसी की निजी संपति पर भी मालिक की मंजूरी के बाद ही प्रचार सामग्री लगाई जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद नए विकास कार्य शुरू नहीं किए जा सकेंगे। वहीं पर सरकारी वाहनों का प्रयोग भी प्रचार अभियान में नहीं किया जा सकेगा। केवल मनरेगा और आपदा राहत कार्यों को ही जारी रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को लागू करने के लिए छह जिलों के उपायुक्त और 34 एआरओ डयूटी पर तैनात रहेंगे।

मंडी संसदीय क्षेत्र में आठ लाख 66 हजार मतदाता नए सांसद का चुनाव करेंगे। जिनमें 10140 मतदाता दिव्यांग और 8655 मतदाता 85 साल की आयुवर्ग से उपर के होंगे। जबकि 100 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं की सं या 166 है। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में सुंदरनगर, मंडी, सरकाघाट और जोगिंद्रनगर में मतगणना केंद्र स्थापित किए गए हैं। जबकि हर विधानसभा क्षेत्र में दो मतदान केंद्र महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। वहीं पर एक-एक मतदान केंद्र दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा भी संचालित होगा।

भौगोलिक विविधताओं से भरा है मंडी संसदीय क्षेत्र

मंडी संसदीय क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र होने के अलावा विविधताओं से भरा हुआ है। मंडी संसदीय क्षेत्र की सीमाएं एक ओर जहां चीन से मिलती है तो दूसरी ओर इसके अंतर्गत छह जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिनमें मंडी के नौ, कुल्लू के चार, लाहुल-स्पीति, किन्नौर, शिमला का रामपुर और चंबा का भरमौर एक-एक विधानसभा क्षेत्र शामिल है। वहीं पर एक ओर लाहुल-स्पीति जैसा शीत मरूस्थल है तो किनौर,भरमौर जैसे जनजातीय क्षेत्र भी हैं। देवभूमि हिमाचल अपने आप में सांस्कृतिक एवं भौगोलिक विविधता को समेटे हुए है। यहां पर हर गांव में अलग-अलग देवी-देवताओं के देवालयों के अलावा बौद्ध गोंपाओं की धरती स्पीति के अलावा अन्य क्षेत्रों में मंदिर-मस्जिद और गुरूद्वारों की बहुलता के चलते यहां के जनमानस में सा प्रदायिक सदभाव की भावना भी मौजूद है।

हिमाचल प्रदेश में सबसे ऊंचा मतदान केंद्र मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाला मतदान केंद्र टशीगंग सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए यह भी गौरव का विषय है कि देश के पहले मतदाता होने का गौरव किन्नौर के 105 वर्षीय श्याम शरण नेगी को हासिल है। वे अब इस दुनिया में नहीं हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र भौगोलिक एवं राजनैतिक विविधता के साथ-साथ अपने में रोचक पहलुओं को समेटे हुए है।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील