home page

लोकसभा चुनावों के साथ ही उपचुनावों की घोषणा के बाद तेज हुई राजनीतिक सरगर्मियां

 | 

धर्मशाला, 16 मार्च (हि.स.)। लोकसभा सहित हिमाचल में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हिमाचल में कांगे्रस के छह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद उपजे हालात के बीच भले ही इन विधायकों द्वारा सदस्यता बहाली को लेकर मामला अभी तक सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन फिलहाल शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा हिमाचल में इन छह सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है।

हिमाचल में आखिरी चरण में लोकसभा की चार सीटों के अलावा इन छह विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव एक साथ एक जून को करवाने की घोषणा की गई है। जिसके चलते अब प्रदेश के दोनों मुख्य सियासी दल भाजपा और कांग्रेस ने खासकर अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन का दौर शुरू कर दिया है।

धर्मशाला में भी होना है उपचुनाव

इन छह सीटों में कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में भी उपचुनाव होना है। इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस से सुधीर शर्मा विधायक हैं। अब ऐसे में धर्मशाला में दोनों ही दल उप चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। सबसे पहले दोनों दल सशक्त पार्टी उम्मीदवार की तलाश में जुट गए हैं ताकि इस चुनाव को जीतकर अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।

गौरतलब है कि इस सीट पर पहले भी किशन कपूर के लोकसभा में चले जाने के बाद उपचुनाव हो चुका है और उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के चलते पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए विशाल नैहरिया पहली बार विधायक बने थे। इस दौरान कांगे्रस के उम्मीदवार विजयकरन को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था और उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी। वहीं इस बार प्रदेश में सरकार कांगे्रस की है, ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में किस दल की जीत होती है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुक्खू से नाराज इन छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में विपक्षी दल के उम्मीदवार को वोट देकर अपनी नारजगी जाहिर कर दी थी। इन विधायकों के इस कदम से राज्य सभा से कांगे्रस उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में विधनसभा अध्यक्ष ने इनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए इनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द करने का फैसला सुनाया था।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील