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हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण: जयराम ठाकुर

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हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण: जयराम ठाकुर


शिमला, 24 जुलाई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राजनीति से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 27 जुलाई को होने वाली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जानी है, जिसमे वित्तमंत्री भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगी।

नेता विपक्ष ने बुधावार काे एक बयान में कहा कि इस बैठक के माध्यम से सरकार द्वारा प्रदेश के हितों के लिए अधिक से अधिक वित्तीय सहायता और परियोजनाओं को दिए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार के सामने अपना पक्ष रख सकती है। इन मांगों पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करती है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी महत्वपूर्ण मीटिंग का राजनीति से प्रेरित होकर बहिष्कार करना प्रदेश के हित में नहीं है। इस तरह की राजनीति हमेशा प्रदेश के विकास के लिए हानिकारक होती है। प्रदेश के हितों से समझौता करके राजनीति नहीं की जा सकती है। नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मुख्यमंत्री को इस बैठक में शामिल होकर हिमाचल के हितों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सहयोग मांगा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। कांग्रेस हाई कमान द्वारा नीति आयोग की महत्वपूर्ण मीटिंग को बॉयकॉट करने के निर्देश देना निराशाजनक है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार के आम बजट में हिमाचल प्रदेश का विशेष ख्याल रखा गया है। आपदा से हुए नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान करने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे फेज की घोषणा स्वागत योग्य कदम है। इससे पूरे प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। बजट में हिमाचल के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा केन्द्र केंद्र सरकार के लिए आभार का एक शब्द भी नहीं कहा गया इसके अलावा बजट में 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन किया गया है जो राज्यों को बिना किसी ब्याज के लंबी अवधि के लिए दिया जायेगा।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सचिवालय के पास अपनी मांगों को लेकर सचिवालय जा रहे दृष्टिबाधित छात्रों से बलप्रयोग किए जाने की घटना को अत्यंत शर्मनाक बताया। दृष्टिबाधित छात्रों के साथ बलप्रयोग बताता है कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से सचिवालय जाना क्या अपराध हो गया है। जो इस तरह के बल प्रयोग की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी पूरे देश में न्याय की बात करते हैं लेकिन हिमाचल में हर वर्ग के साथ हो रहे अन्याय पर अपनी आंखें मूँद ली हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला / उज्जवल शर्मा