अति आधुनिकता खो देती है स्वाभाविक पहचान : शिव प्रताप शुक्ल
शिमला, 05 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि वर्तमान समय में आधुनिकता आवश्यक है, लेकिन किसी भी चीज की अति नहीं होनी चाहिए। अत्यधिक आधुनिकता व्यक्ति को उसकी स्वाभाविक पहचान और मूल स्वरूप से दूर कर देती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बनना जरूरी है, लेकिन अपनी संस्कृति, मूल्यों और स्वाभाविक विकास के साथ आगे बढ़ना ही वास्तविक आधुनिकता है। राज्यपाल राजकीय कन्या महाविद्यालय (आर.के.एम.वी.) शिमला के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
राज्यपाल ने शिक्षा और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कॉलेज की सराहना करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का मजबूत आधार भी है। उन्होंने कहा कि यहाँ की छात्राओं ने शिक्षा के साथ-साथ खेल, संस्कृति, शोध, एनसीसी, एनएसएस और सामाजिक जागरूकता अभियानों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि भारत आज नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और इस प्रगति की असली शक्ति बेटियाँ हैं। जहाँ नारी का सम्मान और सशक्तिकरण बढ़ता है, वहीं राष्ट्र तेजी से आगे बढ़ता है। उन्होंने छात्राओं से नई तकनीकों को सीखने, नवाचार और अनुसंधान को अपनाने, पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने और सामाजिक मूल्यों व जिम्मेदारियों को हमेशा बनाए रखने की अपील की।
राज्यपाल ने कहा कि प्रभावी नेतृत्व के कारण देश लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर दिए गए वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतवासियों को अपने नेतृत्व पर पूरा विश्वास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम हमारा उद्देश्य होना चाहिए, क्योंकि देश सुरक्षित होगा तभी हम सुरक्षित रहेंगे।
शुक्ल ने कहा कि आर.के.एम.वी प्रदेश में युवा रेडक्रॉस का एकमात्र विधिवत पंजीकृत कॉलेज है, जो यह साबित करता है कि यह संस्था शिक्षा के साथ मानवता, सेवा, प्रेम और सामाजिक उत्तरदायित्व के मूल्यों को भी मजबूत करती है। उन्होंने नशा निवारण के लिए कॉलेज के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस कॉलेज का ‘एंटी-चिट्टा अभियान’ हिमाचल में नशे के खिलाफ एक प्रेरक संदेश है। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नशा विरोधी नुक्कड़ नाटक की भी उन्होंने सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि कॉलेज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अपने आप को एक आदर्श संस्था के रूप में विकसित किया है। उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय जनजातीय क्षेत्रों से आने वाली बेटियों के लिए भी एक सशक्त मंच बनकर उभरा है, जो समावेशी शिक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण है और एक संतुलित व संवेदनशील समाज की नींव रखता है।
कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अनुरीता सक्सेना ने राज्यपाल का स्वागत किया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। डीन स्टूडेंट वेल्फेयर डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

