home page

हिमाचल की देव संस्कृति विश्व भर में अनूठी : रोहित ठाकुर

 | 
हिमाचल की देव संस्कृति विश्व भर में अनूठी : रोहित ठाकुर


शिमला, 06 दिसंबर (हि.स.)। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की देव संस्कृति का अपना एक अलग और विशिष्ट रंग है, जो पूरे विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलता। वे शनिवार को शिमला जिला के जुब्बल उपमंडल के खनाशनी क्षेत्र के अंतर्गत गिलटाड़ी गांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए, जहाँ देवता गुडारू की नव निर्मित पालकी की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुई। शिक्षा मंत्री ने देवालय में शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया और क्षेत्रवासियों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है और यहां के मेले–त्योहार हमारी जीवंत देव संस्कृति की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक अनुष्ठान हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं और सभी लोगों का दायित्व है कि इन्हें सुरक्षित रखें ताकि यह महान परंपरा अनंत काल तक संरक्षित रहे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि आधुनिक वैज्ञानिक युग में आगे बढ़ते हुए भी अपनी मूल सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहना जरूरी है, क्योंकि हमारी संस्कृति आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देती है।

रोहित ठाकुर ने बताया कि गिलटाड़ी गांव में देवता गुडारू के मंदिर का निर्माण वर्ष 2022 में किया गया था, जबकि पालकी का निर्माण लगभग छह माह पहले पूरा हुआ और आज इसकी विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की गई। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा पारंपरिक कलश यात्रा भी निकाली गई। उन्होंने यह भी बताया कि गिलटाड़ी गांव के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण वर्ष 2023 में करवाया गया, जिससे ग्रामीणों को काफी सुविधा मिली है।

गौरतलब है कि देवता गुडारू, महासू देवताओं में प्रमुख माने जाते हैं और गिलटाड़ी के अलावा झालटा और क्वालटा गांवों में भी इनकी पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर महासू देवता के मूल स्थान हनोल (उत्तराखंड) से बोठा महासू, वाशिक महासू, पवासी महासू और चालदा महासू देवताओं के चिन्ह स्वरूप डोरिया को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा