हिसार : रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का सीमित मात्रा में करें प्रयोग : प्रो. बीआर कम्बोज
हकृवि द्वारा विश्व मृदा दिवस पर गांव चिड़ोद में कार्यक्रम आयोजित
हिसार, 5 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने किसानों से कहा है कि वे मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा देना जरूरी है। फसल अवशेषों के माध्यम से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होती है जिससे फसल उत्पादन में भी इजाफा होता है। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शुक्रवार काे जिले के गांव चिड़ोद में विश्व मृदा दिवस पर मृदा विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि नवीनतम तकनीकों के माध्यम से फसल अवशेष खेत में पड़े रहने के बाद भी फसल की बीजाई की जा सकती है। मिट्टी केवल कृषि उत्पादन की आधारशिला नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीवन के पोषण का मूल स्त्रोत है। मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारे बिना खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन तथा सतत् कृषि विकास सम्भव नहीं है। उन्होंने मृदा संरक्षण तकनीकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम फसल अवशेष प्रबंधन, फसल विविधीकरण, जैविक खाद-वर्मी कम्पोस्ट, ग्रीन मेन्योरिंग तथा मल्चिंग को बढ़ावा देकर भूमि की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किसान रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का सीमित मात्रा में प्रयोग करें।अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि किसानों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों व नीति निर्धारकों को स्वस्थ मिट्टी के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण अवश्य करवाएं। मिट्टी परीक्षण सही उर्वरक, सही मात्रा और सही समय तय करने का वैज्ञानिक तरीका है। इससे उत्पादन बढ़ता है, लागत घटती है और लंबे समय तक मिट्टी की सेहत बनी रहती है। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने कार्यक्रम के दौरान किसानों को खेतीबाड़ी से संबंधित विभिन्न प्रकार की लाभप्रद जानकारी दी।
मृदा विज्ञान विभाग द्वारा किसानों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विजेता किसानों को कुलपति ने सम्मानित किया। किसानों में वेदप्रकाश, नरेश कुमार, मनोज कुमार, जयप्रकाश, रामस्वरूप, बलवान सिंह तथा कर्मवीर शामिल हैं। इस अवसर पर मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव, इफ्को के चंडीगढ स्थित वरिष्ठ प्रबंधक (कृषि सेवाएं) डॉ. निरंजन यादव, आईसीएआर अधिकारी डॉ. रमेश फागना, डॉ. रोहताश, डॉ. रामप्रकाश, डॉ. अनिल सिरोहा, डॉ. कृष्ण भारद्वाज, डॉ. जितेन्द्र भाटिया, डॉ. ओपी बिश्नोई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक, विद्यार्थी एवं किसान उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

