झज्जर : जीएसटी रजिस्ट्रेशन को एक्टिव करने के बदले मांगी थी एक करोड़ रुपये रिश्वत
झज्जर, 8 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) के अधीक्षक भारत मीणा और निरीक्षक नरेश कुमार गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस सूत्राें ने साेमवार काे बताया कि दोनों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। पता लगा है कि दोनों अधिकारियों ने फरीदाबाद के एक स्क्रैप व्यापारी से उसके जीएसटी रजिस्ट्रेशन को एक्टिव करने के बदले एक करोड़ रुपये रिश्वत मांगी थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रोहतक के पुलिस अधीक्षक के अनुसार, व्यापारी से रुपये ऐंठने के लिए पूरी साजिश की गई। पहले व्यापारी की फर्म में कुछ लेनदेन संदिग्ध होने पर उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और फिर उसका रजिस्ट्रेशन नम्बर बंद कर दिया गया। इसके बाद व्यापारी ने दोनों से संपर्क किया तो एक करोड़ रुपये मांगे गए। व्यापारी में इतनी मोटी रकम देने में असमर्थता जताई तो रिश्वत की राशि घटाकर 40 लाख कर दी गई। इतना पैसा देने में भी असमर्थता जताई तो 20 लाख रुपये में सौदा तय किया गया। एक करोड़ से सीधे मामला 20 लाख तक पहुंचा तो व्यापारी को संदेह हुआ। हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क साधा।
जरूरी जानकारी मिलने पर दोनों ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और छह दिसंबर को गुरुग्राम में सीजीएसटी के अधीक्षक भारत मीणा को अढ़ाई लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ लिया। इसके अगले दिन सात दिसंबर को दूसरे आरोपी निरीक्षक नरेश कुमार को भी दबोच लिया गया। अब टीम यह पता कर रही है कि अधीक्षक व निरीक्षक के अलावा और कौन-कौन इस खेल में शामिल है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के रोहतक में तैनात एसपी विजय जाखड़ ने बताया कि फरीदाबाद स्थित स्क्रैप फर्म के संचालक ने उन्हें शिकायत दी थी। व्यापारी का आरोप था कि उनकी फर्म में संदिग्ध लेनदेन के आरोप में बहादुरगढ़ सीजीएसटी कार्यालय की ओर से 10 करोड़ की पेनल्टी का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था।
एसपी जाखड़ में बताया कि कारोबारी ने जब जीएसटी अधिकारियों से संपर्क किया तो अधीक्षक भारत मीणा और निरीक्षक नरेश ने रजिस्ट्रेशन नंबर सक्रिय करने के लिए एक करोड़ रुपये रिश्वत मांगी। एसपी ने बताया कि जांच के दौरान नरेश कुमार का नाम न केवल एफआईआर में पाया गया, बल्कि शिकायतकर्ता द्वारा दी गई वॉयस रिकॉर्डिंग में भी उसकी स्पष्ट पहचान हुई। सह अभियुक्त भारत मीणा के बयान में भी दोनों के रिश्वत मांगने की बात सामने आई थी। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी गई है। बरामद किए गए रुपयों को सील कर न्यायिक प्रक्रिया के लिए सुरक्षित रखा गया है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस रिश्वत प्रकरण में और भी अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

