हरियाणा में ड्रग नेटवर्क पर शिकंजा, इस साल अब तक 1,800 से अधिक गिरफ्तार
चंडीगढ़, 10 जून (हि.स.)। हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त
मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मानस
हेल्पलाइन 1933 का
सक्रिय रूप से उपयोग करें। यह
एक चौबीस घंटे चलने वाली एक गोपनीय सेवा है, जिसे नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में
समुदाय को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन की गई है।
डॉ.
मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि नागरिक मादक पदार्थों की तस्करी से
संबंधित किसी भी जानकारी की रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसमें नशीले पदार्थों की बिक्री, खरीद या अवैध खेती शामिल है। डॉ. मिश्रा ने इस
बात पर जोर दिया कि समाज के पूर्ण सहयोग के बिना नशे के खिलाफ लड़ाई सफल नहीं हो
सकती। हालांकि एनसीबी जैसी सरकारी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन अकेले उनके प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार हर कोण से नशे के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने
के लिए संरचनात्मक, संस्थागत
और डिजिटल सुधारों को मिलाकर एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपना रही है।
उन्हाेंने कहा कि आधुनिक
निगरानी उपकरण जैसे कि जीआईएस-सक्षम मैपड्रग्स पोर्टल और मोबाइल ऐप का उपयोग अवैध
नशीली दवाओं की खेती और तस्करी पर अधिक सटीकता से निगरानी रखने और उसके विरूद्ध
कार्रवाई करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने
एन्फोर्समेंट फ्रंट पर कड़ी कार्रवाई की है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल
ब्यूरो (एचएसएनसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2025 के पहले चार महीनों में, 22.40 किलोग्राम हेरोइन, 57.78 किलोग्राम चरस, 1,520.71 किलोग्राम गांजा, 87.09 किलोग्राम अफीम और 6,766.33 किलोग्राम पोस्त जब्त
किया। प्राधिकारियों ने 1,609 बोतलें, 48,982 कैप्सूल, 3,152 इंजेक्शन वाले नशीले पदार्थ, 95,000 से अधिक गोलियां और 128.35 किलोग्राम अफीम पोस्त भी
जब्त की। इसी अवधि के दौरान, एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1,130 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 143 व्यावसायिक मात्रा से
संबंधित थे। कुल 1,801 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 332 व्यावसायिक (कमर्शियल ) रूप से ड्रग्स रखने या
तस्करी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। इसके अतिरिक्त, पीआईटीएनडीपीएस अधिनियम, 1988 की निवारक धाराओं के
तहत 34 अपराधियों को हिरासत में
लिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा