झज्जर में पाकिस्तान के खिलाफ पूर्व सैनिकों ने भी भरी हुंकार

ऑपरेशन सिंदूर में अग्रिम मोर्चे पर लड़ने को तैयार हैं पूर्व सैनिक
झज्जर, 10 मई (हि.स.)। पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर व पाकिस्तान के साथ युद्ध में हर तरह से सहयोग देने के लिए पूर्व सैनिक भी आगे आए हैं। इलाके के पूर्व सैनिकों ने शनिवार को बहादुरगढ़ में इकट्ठे होकर पाकिस्तान के खिलाफ हुंकार भरी। उन्होंने देश की सरकार से इस युद्ध में अपनी जिम्मेदारी लगाने की अपील की।
त्रिवेणी पूर्व सैनिक संगठन की बैठक संगठन के आर्य नगर स्थित कार्यालय में हुई। प्रधान श्रीनिवास छिकारा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में थल सेना, वायु सेवा और नौसेना के सेवानिवृत्त सैनिकों ने भाग लिया। पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर से पैदा हुए हालात पर बैठक में विचार विमर्श किया गया। सभी पूर्व सैनिकों ने सरकार से खुद को ऑपरेशन सिंदूर यानी दुश्मन के खिलाफ युद्ध में शामिल होने की पेशकश की। तमाम पूर्व सैनिकों ने पूरे जोश के साथ भारत माता की जय, भारतीय सेना की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। बैठक के बाद संगठन के प्रधान श्रीनिवास छिकारा ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर अब पाकिस्तान के साथ युद्ध में बदल चुका है। तमाम पूर्व सैनिक भी इस युद्ध में अपनी सभी सेवाएं देने को तत्पर हैं। सभी ने खुद को शारीरिक दृष्टि से भी फिट करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
बैठक में अपनी बात रखते हुए हवलदार विनोद ने कहा कि मैं युद्ध में सबसे पहले चलने को तैयार हूं। देश के लिए कुछ काम आ सका तो खुद को धन्य समझूंगा। उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद की समस्या नई नहीं है, यह तो वर्ष 1947 में कश्मीर घाटी में हुए कबायली हमले के साथ ही शुरू हो गई थी। तब भी पाकिस्तान ने कबायलियों को आतंकवादियों के तौर पर आगे कर दिया था और आज भी वहां की सेना आतंकवादियों को आगे कर रही है। लेकिन गर्व और सुकून की बात है कि इस वक्त भारत में अब तक की सबसे मजबूत सरकार है जो ईंट का जवाब पत्थर से देती है। इससे पहले तो हमारे देश की ओर से लगभग ढीले फैसले लिए जाते थे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के साथ ही उन्होंने खुद को युद्ध के लिए शारीरिक रूप से तैयार करना आरंभ कर दिया था। मोटर साइकिल को छोड़कर अब वह साइकिल से चलते हैं।
गांव मांडोठी से आए सूबेदार उमेद सिंह दलाल ने बताया कि उनके गांव के तमाम 250 सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होने के लिए कमर कस ली है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से अपील की कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाने के ही इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाएं। गांव बपरोड़ा से आए नायक रामवीर राठी ने कहा कि अपने देश के काम आने के लिए वे युद्ध में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। हवलदार महेंद्र सिंह सांखोल, नेवल धनराज तहलान, हवलदार रणधीर तूर, नायक भूपेंद्र, हवलदार जगमेन्द्र और पवन कोच ने भी बैठक में अपने विचार व्यक्त किए।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज