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जींद : सफीदों ब्लाक समिति की बैठक में हुआ हंगामा

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जींद : सफीदों ब्लाक समिति की बैठक में हुआ हंगामा


जींद, 30 अक्टूबर (हि.स.)। सफीदों स्थित मिनी सचिवालय स्थित बीडीपीओ कार्यालय में विकास ग्रांट वितरण को लेकर आयोजित हुई बैठक में बुधवार को जोरदार हंगामा हो गया। हंगामा इतना बढ़ गया कि बीडीपीओ नरेश शर्मा ने मौके पर पुलिस को बुला लिया। सूचना पाकर डीएसपी उमेद सिंह व सिटी थाना प्रभारी ईश्वर सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पहुंच कर हंगामे को तितर-बितर किया। पुलिस अपने साथ कई लोगों को अपने साथ बैठा कर ले गए। इस हंगामें के बीच सत्ता व विपक्षी सदस्यों के बीच जमकर आमना-सामना हुआ।

विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि विकास कार्यों की ग्रांट पास करने के लिए बीडीपीओ कार्यालय में बुधवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई गई थी लेकिन दोपहर 12 बजे तक भी सदस्यों का कोरम पूरा ना होने के कारण मीटिंग की शुरूआत नहीं हो पाई। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि मीटिंग के कोरम के हिसाब से 13 मेंबर की उपस्थिति जरूरी है लेकिन मौके पर 11 ही सदस्य मौजूद थे। कोरम पूरा ना होते देख सत्ता पक्ष ने अधिकारियों के साथ मिलकर गैरहाजिर सदस्यों के फर्जी साईन करके कोरम पूरा किया हुआ दिखा दिया। जिसका उन्होंने विरोध किया तो उनके साथ धक्कामुक्की की गई और जान से मारने की धमकियां दी गईं। विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि इस प्रकार पहले भी दो बैठकें कोरम पूर्ण ना होने के बावजूद फर्जी साइन करके हुई दिखाई दी और करोड़ों रुपये की ग्रांटे पास कर ली गई। वहीं सदस्यों का यह भी आरोप था कि बीडीपीओ की बैठक में क्षेत्र के कई सरपंचों का भारी दखल है और वे प्रैशर से अपने हिसाब से मीटिंग में एजेंडे पास करवाते हैं।

वह इस सारे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों व सरकार को कर चुके हैं लेकिन उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। ब्लाक समिति की बैठकों में सरपंचों का कोई काम नहीं होता और केवल ब्लाक समिति के सदस्य ही बैठक में जा सकते है लेकिन सरपंच अपने हिसाब से अधिकारियों के साथ मिल कर बैठक का संचालन करवाते हैं। वहीं ब्लाक समिति सफीदों चेयरमैन दलबीर सिंह विपक्षी सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि बैठक का कोरम पूरा था और बैठक में 13 सदस्य मौजूद थे। सारी कार्रवाई पूरी तरह से नियमानुसार संपन्न हुई है। किसी भी सदस्य के कोई फर्जी साईन नहीं हैं। उनके साथ कुछ विपक्षी सदस्यों ने बदतमीजी की है।

बीडीपीओ नरेश शर्मा का कहना है कि नियमानुसार मीटिंग का सही रूप से संचालन चल रहा था। दो-तीन सदस्य बार-बार मीटिंग में अड़चन डालकर मीटिंग को कैंसिल करवाना चाहते थे। कई सदस्य बाहर खड़े होकर सदस्यों को मीटिंग में जाने से रोक रहे थे। नियमनानुसार एजेंडा निकालकर ग्रांट वितरण के लिए मीटिंग बुलाई गई थी। मीटिंग में 25 में से 13 सदस्य पहुंचे थे। 13 सदस्य बैठक का कोरम पूरा करते हैं। सदस्यों के फर्जी साईन व हाथापाई के आरोप निराधार व गलत हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा