झज्जर जिला में डॉक्टरों की हड़ताल का रहा आंशिक प्रभाव
झज्जर, 8 दिसंबर (हि.स.)। जिले के डॉक्टरों ने सोमवार से दो दिनों की हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल का यह कदम हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर उठाया गया। लेकिन एनएचएम और इंटर्न चिकित्सकों व अन्य चिकित्सा कर्मियों की सहायता मिलने की वजह से सेवाओं पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। आपातकालीन सेवाएं भी यथावत जारी रखी गईं।
हड़ताली डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से मांगों को लेकर आश्वासन तो दिए गए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि सरकार बार-बार वादे करके पीछे हट रही है, जिससे चिकित्सा कर्मियों में रोष है। एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में एसीपी लागू करना, सीएमओ की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाना और लंबित मामलों का समाधान शामिल है। डॉक्टरों ने चेताया कि यदि सरकार ने जल्द बातचीत कर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आने वाले दिनों में वे सभी स्वास्थ्य सुविधाएं बंद करने को विवश होंगे। जिले में डॉक्टरों की दो दिवसीय हड़ताल के बीच सोमवार को जिला उपायुक्त स्वप्निल पाटिल ने नागरिक अस्पताल झज्जर का आकस्मिक दौरा कर चिकित्सा सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न वार्डों, आपातकालीन कक्ष व ओपीडी का निरीक्षण किया और अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बाद में उन्होंने बताया कि जिले में कुल 201 डॉक्टरों में से 140 डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जबकि 71 डॉक्टर अपनी-अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जिला प्रशासन ने सभी चिकित्सा सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं।्र
उन्होंने बताया कि आपातकालीन सेवाएं, ओपीडी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं सामान्य रूप से संचालित की जा रही हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए किसी भी प्रकार की दिक्कत न होए इसके लिए बाहर के मेडिकल कॉलेजों से भी डॉक्टरों की सहायता ली जा रही है। डीसी पाटिल ने मरीजों और उनके परिजनों से अपील की कि वे चिंतित न हों, जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पताल में सेवा व्यवस्था पर विशेष निगरानी रखी जाए तथा मरीजों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। दौरे के दौरान उपायुक्त ने अस्पताल में मौजूद स्टाफ को भी आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि हड़ताल के बावजूद मरीजों को राहत मिलेए यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

