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सिरसा: चिकित्सक दो दिन की हड़ताल पर गए, मरीज बेहाल घूमते रहे

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सिरसा: चिकित्सक दो दिन की हड़ताल पर गए, मरीज बेहाल घूमते रहे


सिरसा, 8 दिसंबर (हि.स.)। सीनियर मेडिकल ऑफिसर की सीधी भर्ती के विरोध में चिकित्सक दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। सोमवार को सिरसा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, पीएचसी, सीएचसी में डॉक्टरों ने ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवाओं से लेकर पोस्टमॉर्टम सेवाएं भी बंद कर दी, जिससे मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि सरकार ने विकल्प के तौर पर एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को अस्पतालों में तैनात किया है, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हो।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन सिरसा के सह सचिव डॉ. विपुल गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार एसएमओ की सीधी भर्ती करने जा रही है। यह बिल्कुल गलत है और बाकी पदोन्नति पाने वाले डॉक्टरों के साथ भविष्य से खिलवाड़ है। अगर एसएमओ की सीधी भर्ती हुई तो मेडिकल ऑफिसर को प्रमोशन नहीं मिल पाएगी जो पहले ही सालों से एसएमओ की पदोन्नति के इंतजार में हैं। डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि जिले में कार्यरत 141 सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर है। उन्होंने बताया कि उनकी हड़ताल शत प्रतिशत है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी-पीएचसी में कार्यरत सरकारी डॉक्टर सुबह 9 बजे से शाम ड्यूटी टाइम तक सेवाएं बंद रखेंगे। यह हड़ताल दो दिन रहेगी। डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि हम हड़ताल नहीं चाहते और न ही ये चाहते कि किसी को परेशानी हो। दो माह से सरकार से वार्तालाप कर रहे हैं, पर सरकार मान नहीं रही है। सरकार अपना फैसला वापस लें, तो हड़ताल नहीं होगी।

जिला नागरिक अस्पताल में सोमवार को सुबह 9 बजे ओपीडी शुरू होने के बावजूद मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। घायल मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ और कई को निजी अस्पतालों की ओर रेफर किया गया। जिले के सीएचसी और पीएचसी स्तर पर भी सेवाएं चरमरा गई। सरकार ने अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने और सीएमओ/पीएमओ को अस्पतालों में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं, लेकिन डॉक्टरों का रुख कड़ा है। सरकार ने मरीजों से अपील की है कि आपात स्थिति में ही सरकारी अस्पताल जाएं, अन्यथा निजी सुविधाओं का सहारा लें। हड़ताल का समर्थन पैरामेडिकल स्टाफ भी कर रहा है। हालांकि, सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज अग्रोहा और एनएचएम के तहत लगे डॉक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई है, ताकि मरीजों को जांच करा सके। ओपीडी व इमरजेंसी वार्ड में इन डॉक्टरों को लगाया गया है। कुछ स्टाफ सीएसची-पीएचसी से भी बुलाया गया हैं।

उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. गौरव मेहता ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से सरकारी डॉक्टरों की इस हड़ताल के लिए निजी चिकित्सकों की सेवाओं का आग्रह किया था लेकिन आईएमए की ओर से अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि इस प्रकरण में आईएमए सरकारी चिकित्सकों के पक्ष में है तथा निजी चिकित्सक किसी प्रकार के सेवाएं सरकारी अस्पतालों के लिए नहीं देंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma