यूपी एसटीएफ ने 100 करोड़ का फर्जी होम लोन रैकेट पकड़ा, सरगना रामकुमार समेत 8 गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर, 05 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कूटरचित दस्तावेजों और फर्जी प्रोफाइल के जरिए विभिन्न बैंकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक का होम लोन हड़पने वाले संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई में रैकेट के सरगना रामकुमार सहित नितिन जैन, मौ. वसी, शमशाद आलम, इन्द्रकुमार कर्माकर, अनुज यादव, ताहिर हुसैन,अशोक उर्फ दीपक और नीति जैन उर्फ रिकी को सूरजपुर थाना छेत्र, गौतमबुद्ध नगर से गिरफ्तार किया गया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी ने संदिग्ध लोन फाइलों की शिकायत एसटीएफ को भेजी थी। जांच में सामने आया कि गिरोह फर्जी आधार कार्ड, बैंक खाते, वेतन स्लिप और नियुक्ति पत्र तैयार कर लोगों की बनावटी प्रोफाइल बनाता था। इन्हीं प्रोफाइल के नाम पर बैंक कर्मियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये के होम और पर्सनल लोन स्वीकृत कराए जाते थे।
पूछताछ में सरगना रामकुमार ने स्वीकार किया कि वह पहले एचडीएफसी और एक्सिस बैंक में लोन एक्जीक्यूटिव रह चुका है। उसने “टीएसए सॉफ्टवेर सर्विसेज लिमिटेड.” और “ट्रिपटैकी प्राइवेट लिमिटेड.” जैसी कंपनियां रजिस्टर कर रखी थीं, जिनमें फर्जी व्यक्तियों को निदेशक दिखाकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए गए और हर महीने सैलरी भेजकर प्रोफाइल को ‘जेनुइन’ बनाया जाता था।
गैंग के कुछ सदस्य बिहार सहित कई राज्यों से बिचौलियों के जरिए गल्फ देशों में काम करने वाले लोगों की पहचान का दुरुपयोग कर सम्पत्तियां खरीदवाते थे और करोड़ों रुपये के लोन उठाते थे। दिल्ली की एक सम्पत्ति के नाम पर ही 4.8 करोड़ रुपये का लोन लिया गया। गिरोह अब तक 20 से अधिक फर्जी फर्मों के जरिए धन को अलग-अलग खातों में घुमा कर मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा था।
एसटीएफ ने बताया कि गिरोह की गतिविधियां यूपी, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और नोएडा तक फैली थीं। नेटवर्क की वित्तीय लेयरिंग, जुड़े बिल्डरों की भूमिका और बैंक अधिकारियों के मिलीभगत की जांच जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Harsh Gautam

