गुजरात की महिला डॉक्टर की हत्या करने से पहले पकड़े गये शूटर
झुंझुनू, 8 दिसंबर (हि.स.)। झुंझुनू जिले के पिलानी के लिखवा ठेके पर फायरिंग के मामले में एक बदमाश को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में सामने आया कि ये लोग गुजरात की एक डॉक्टर की हत्या की साजिश रच रहे हैं। मामले में अब मनोज मेघवाल (30) निवासी पाथड़िया, पिलानी, आकाश उर्फ बिट्टू ( 21) निवासी पाथड़िया, पिलानी, सचिन उर्फ कालु (24) निवासी लिखवा, पिलानी, हिमांशु जाट (19) निवासी नरहड़, पिलानी, भूपेन्द्र कुमार (20) निवासी लिखवा, पिलानी और अनुज शर्मा (22) निवासी पिलोद, सूरजगढ़ को गिरफ्तार किया है।
झुंझुनू जिले के पूलिस अधीक्षक बृजेश उपाध्याय ने बताया कि लिखवा ठेके पर फायरिंग के मामले में हिमांशु की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर हत्या की सुपारी के लिए खरीदे गए हथियार बरामद किए गए। जिसमें एक पिस्टल, सात जिंदा कारतूस, और चाार खाली कारतूस के खोल बरामद किए गए। आकाश और मनोज को जयपुर से गिरफ्तार किया गया। अनुज शर्मा को वडोदरा, गुजरात से दस्तयाब किया गया। भूपेन्द्र को पिलानी से दस्तयाब किया गया। इस प्रकार गुजरात, उत्तर प्रदेश और जयपुर जाकर कड़ी दर कड़ी जोड़कर पुलिस ने इस बड़ी हत्या की योजना का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिलानी पुलिस को 21 नवंबर को लिखवा ठेके पर बदमाशों द्वारा रंगदारी के लिए फायरिंग किए जाने की सूचना मिली थी। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बदमाशों की तलाश शुरू की। ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए फायरिंग की घटना में शामिल होने के शक पर हिमांशु जाट निवासी नरहड़ को हिरासत में लिया गया। पुलिस हिरासत में हिमांशु जाट से दो दिनों तक कड़ी पूछताछ की गई। पूछताछ में हिमांशु ने चैंकाने वाला खुलासा किया कि फायरिंग के अलावा, वे लोग गुजरात में एक महिला डॉक्टर की हत्या की सुपारी लेकर आए थे।
हिमांशु ने बताया कि उसे और उसके साथी सचिन मेघवाल को 15 लाख रुपये की सुपारी मिली थी। यह सुपारी भूपेन्द्र मेघवाल के माध्यम से अनुज शर्मा को दी गई थी, जिसे आगे इन लोगों को हत्या के लिए सौंपा गया। सुपारी की बड़ी रकम को देखकर हिमांशु और सचिन ने हत्या के लिए हाँ कर दी और इसमें मनोज वाल्मीकि और आकाश वाल्मीकि को भी शामिल कर लिया। हत्या को अंजाम देने के लिए अनुज शर्मा से हथियार खरीदने के लिए एक लाख रुपये एडवांस लिए थे। अग्रिम राशि मिलने पर, मनोज और आकाश ने जयपुर में अपने एक यूपी के साथी से हथियार खरीदे।
हिमांशु ने बताया कि हथियार मिलने के बाद, हिमांशु, आकाश, मनोज और सचिन मनोज की कार से गुजरात पहुंचे, जहां उन्हें अनुज शर्मा मिला। अनुज शर्मा ने इन आरोपितों को मर्डर के लक्ष्य की फोटो दिखाई और घटनास्थल की रेकी करवाई। घटनास्थल के आस-पास सुरक्षा और कैमरे होने के कारण पकड़े जाने के डर से आरोपित उस वक्त घटना को अंजाम दिए बिना ही वापस अपने गांव लौट आए। सुपारी देने वाले लोगों ने जल्द ही मर्डर करने का दबाव बनाया जिस पर आरोपितों ने अपने एक दोस्त की शादी के बाद वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश

