आयकर विभाग की टीम ने वर्धमान ग्रुप के ठिकानों पर मारी रेड
जयपुर, 11 दिसंबर (हि.स.)। आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह वर्धमान ग्रुप के रियल एस्टेट और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ सर्च कार्रवाई कर करोड़ों रुपये की कथित टैक्स चोरी का पर्दाफाश किया। टीम सबसे पहले मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में बने मुख्य कार्यालय पहुंची। जहां अलमारियों से भारी मात्रा में कैश मिला। नोटों की संख्या अधिक होने पर मौके पर ही मशीन मंगवाकर गिनती शुरू कराई गई।
आयकर विभाग सूत्रों के मुताबिक ग्रुप लंबे समय से कैश लेन-देन के जरिए आय छिपा रहा था। शिकायत मिलने के बाद इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने पहले सर्वे किया और तथ्यों की पुष्टि होने पर उसे सर्च ऑपरेशन में बदल दिया। जयपुर स्थित श्याम नगर ऑफिस और अन्य लोकेशन पर भी विभाग की टीमें दस्तावेजों की जांच कर रही हैं।
मुख्य कार्यालय से मिल रहे दस्तावेजों में जमीन-फ्लैट की खरीदी-बिक्री में अनियमितताओं से जुड़े रिकॉर्ड मिलने की भी जानकारी है। डिजिटल डिवाइस, बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी से जुड़े पेपर्स को भी कब्जे में लेकर जांच जारी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कैश बरामदगी और मिले दस्तावेजों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय होगी।
करोड़ों रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद
आयकर विभाग को सर्च में भारी मात्रा में नकदी मिली। बताया जा रहा है कि नकदी की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि उसकी गिनती के लिए तुरंत काउंटिंग मशीने मंगाई गईं। यह पूरी नकदी ग्रुप की कथित काली कमाई मानी जा रही है। आयकर विभाग की टीम अभी भी ग्रुप के सभी ठिकानों पर गहन तलाशी अभियान चला रखा है जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की यह कार्रवाई पूरी गोपनीयता के साथ की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि तलाशी और गिनती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयकर विभाग की टीम आधिकारिक तौर पर जब्त की गई नकदी, बेहिसाब संपत्ति और पकड़ी गई टैक्स चोरी की राशि का बड़ा खुलासा कर सकती है।
गौरतलब है कि वर्धमान ग्रुप जयपुर के बड़े व्यापारिक घरानों में गिना जाता है। इसका मुख्य कारोबार रियल एस्टेट और एजुकेशन है। इन दोनों क्षेत्रों में उसका कारोबार फैला हुआ है। आयकर विभाग की टीम रियल एस्टेट सौदों में टैक्स चोरी और स्कूलों के माध्यम से आय छिपाने के एंगल से जांच कर रही है। ग्रुप के प्रमुख पदाधिकारियों से पूछताछ की जा रही है और उनके बैंक खातों, संपत्तियों तथा निवेश की जानकारी खंगाली जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

