संभल : गरीब लड़कियों और लोगों को पैसों का लालच देकर यौन शोषण करने वाले गिरोह का खुलासा

मुरादाबाद, 5 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो गरीब लड़कियों और भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर उनका यौन शोषण करता था और वन्य जीव की तस्करी भी करते थे। गिरोह यह भ्रम फैलाता है कि सबसे ज्यादा नोटों की वर्षा लड़की के ऊपर तंत्र क्रिया करने पर होती है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि मामले में अब तक आगरा के बुलंदशहर, संभल, एटा, फिरोजाबाद और आगरा के 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को गिरोह के कई और सदस्यों की तलाश है। पुलिस को गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों के मोबाइल फोन से 42 से ज्यादा लड़कियों के फोटो मिले हैं। मामले में मथुरा की एक निजी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डीएन त्रिपाठी गिरफ्तार किया गया है। आरोपित प्रोफेसर युवतियों की सप्लाई करने में अहम किरदार निभाता था।
बीती 21 मार्च को थाना धनारी क्षेत्र के गांव बमनपुरी के रहने वाले राजपाल ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसकी मां की कमर में दर्द था। 11 मार्च को वह मां का तंत्र मंत्र से इलाज करवाने के लिए गांव के ही लाखन व रिंकू से मिला था। पुलिस के अनुसार, लाखन गिरोह का सरगना है। इसके बाद लाखन, रिंकू, अजय सिंह व दुर्जन, राजपाल को नरौरा ले गए। जहां वह लोग एटा से संतोष व शिवम के साथ जबरन आगरा में अज्ञात जगह पर ले गए। वहां से जैसे तैसे निकलकर दो दिन बाद राजपाल अपने घर पहुंचा और पुलिस को जानकारी दी। मामले में थाना पुलिस ने बीएनएस की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान जब नामजद रिंकू, अजय, संतोष, दुर्जन आदि से पूछताछ की गई व उनके मोबाइल खंगाले तो पाया गया कि ये सभी अभियुक्त अंतरराज्यीय धनवर्षा ठगी गिरोह के सदस्य हैं। ये तंत्र क्रिया के माध्यम से धन वर्षा (नोटों की बारिश) का झांसा देकर भोले भाले गरीब परिवार की लड़कियों व लड़कों की तस्करी कर यौन शोषण करते हैं और वन्य जीव की तस्करी भी करते हैं। इस मामले में 28 मार्च को पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि को अब तक की जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्य झांसा देते वक्त कहते थे कि तंत्र क्रिया के लिए युवती कुंवारी हो, लंबाई 5 फीट 5 इंच से अधिक, शरीर पर कोई कटे-जले व टैटू गोदना का निशान नहीं, कोई ऑपरेशन नहीं, किसी जानवर ने काटा नहीं हो। यह लोग गरीब परिवार को निशाना बनाते थे और उन्हें प्रलोभन देते थे कि उनकी लड़की विशेष गुण संपन्न है, जिस पर तंत्र क्रिया करने से घर में नोटों की बारिश होगी।
एसपी ने खुलासा किया कि तंत्र क्रिया करने से पहले लड़की का वीडियो बनवाया जाता था। लड़की के हाथ में एक कागज देकर फोटो खींची जाती थी। इसके अलावा अन्य चीजें भी देखी जाती थीं। इसके बाद गिरोह के सदस्य लड़की को गुरु के पास लेकर जाते थे, जो एकांत में लड़की पर तंत्र क्रिया का नाटक करता था। तंत्र क्रिया के दौरान लड़कियों के प्राइवेट पार्ट की पूजा की जाती थी। लंबी लड़कियों की डिमांड अधिक रहती थी।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि मामले में गिरफ्तार प्रोफेसर डीएन त्रिपाठी के मोबाइल से कई ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थीं। जिसमें लड़की को लाकर तांत्रिक द्वारा काम कराने की बात हो रही थी। डीएन त्रिपाठी ने पुलिस को बताया था कि यह बातचीत मथुरा निवासी डीएस सिसोदिया से हो रही थी। विवेचना के क्रम में पुलिस ने मथुरा की शास्त्री नगर कॉलोनी निवासी दशरथ सिंह उर्फ डीएस सिसौदिया को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो दशरथ सिंह के मोबाइल से भी अन्य अभियुक्तों की तरह कई लड़कियों के वीडियो, फोटो व धनवर्षा गैंग के कोड वर्ड में बातचीत की चैट इत्यादि दिखीं। दशरथ सिंह से जब इन सबके बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह भी धनवर्षा तांत्रिक क्रिया में विश्वास रखता है और वह लगभग तीन वर्ष से इस गिरोह से जुड़ा हुआ है। वह भी यौन शोषण के लिए लड़कियों को सप्लाई करने का कार्य करता था।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल