home page

ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल कर चयनित चार कनिष्ठ लिपिक गिरफ्तार

 | 
ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल कर चयनित चार कनिष्ठ लिपिक गिरफ्तार


जयपुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान में आयोजित न्यायिक सेवाओं की भर्ती परीक्षा में हाई-टेक नकल के संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए चार चयनित कनिष्ठ लिपिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी अभ्यर्थी ब्लूटूथ डिवाइस और स्पाई कैमरा के जरिए रियल टाइम में उत्तर प्राप्त कर परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके थे। पकडे गए अभ्यर्थियों से पन्द्रह लाख रूपये में सौदा तय किया गया था। इस मामले में अब तक 21 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा 2023 में आयोजित कनिष्ठ न्यायिक सहायक, लिपिक ग्रेड–द्वितीय एवं सहायक लिपिक ग्रेड–द्वितीय की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल कर चयनित हुए कनिष्ठ लिपिक (ग्रेड द्वितीय) दिनेश कुमार निवासी चूरू,मनोज कुमार बोरान निवासी सीकर,रमेश कुमार निवासी चूरू और मनीष बुडिया पुत्र रामेश्वर, निवासी नागौर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपित कनिष्ठ लिपिक के पद पर चयनित होकर अलग-अलग न्यायिक इकाइयों में पदस्थापित थे। ईओ–आरओ परीक्षा में मिले इनपुट के आधार पर एसओजी ने जब जांच बढ़ाई तो पूरा हाई-टेक नेटवर्क सामने आया। न्यायालय ने चारों नवनिर्वाचित अभ्यर्थियों को 10 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमाण्ड पर भेजा है। एसओजी अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है।

एडीजी बंसल ने बताया कि जांच में सामने आया कि सरगना पौरव कालेर और उसका साथी तलुसाराम कालेर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर परीक्षा केंद्रों में भेजे गए अपने लोगों के माध्यम से प्रश्नपत्र की तस्वीरें स्पाई कैमरे से बाहर भेजते थे।

पौरव कालेर ने स्पेन से 90 हजार रुपये का इनोवा केम ड्रॉप बॉक्स स्पाई कैमरा मंगवाया और फिर परीक्षा में बैठे उसकी गैंग के दो सदस्यों को प्रश्नपत्र मिलते ही वह कैमरे से स्क्रीनशॉट भेजते। इसके बाद बाहर बैठे विशेषज्ञों की टीम ने तुरंत प्रश्न हल कर उत्तर पौरव कालेर को दिए जाते थे। इसके बाद पौरव ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए संपर्क कर अभ्यर्थियों को रियल टाइम में सही उत्तर पढ़ाता था। इस तकनीक से अभ्यर्थी बिना पकड़े हुए परीक्षा में उच्च अंक लेकर चयनित हो जाते थे। एसओजी ने इस मामले में अब तक 21 आरोपित गिरफ्तार कर चुकी है।

एडीजी बंसल ने कहा कि राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी प्रकार की नकल या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परीक्षा की पारदर्शिता पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश