हेड कॉन्स्टेबल सरोज की हत्या का आरोपित सिपाही सरेंडर
गोरखपुर, 07 दिसम्बर (हि.स.)। सीआईडी में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सरोज यादव की संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। पत्नी की हत्या के आरोपित यूपी पुलिस के सिपाही अष्टभुज कुमार यादव ने वारदात के लगभग तीन महीने बाद शनिवार को अदालत में सरेंडर कर दिया। घटना के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था और शाहपुर पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही थी।
27 फरवरी 2025 की रात हुई मौत को शुरू में सामान्य बताया गया था। पोस्टमार्टम में कारण स्पष्ट न मिलने पर विसरा जांच कराई गई। अगस्त में आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में एल्युमीनियम फॉस्फाइड जहर मिलने की पुष्टि हुई। रिपोर्ट के आधार पर शाहपुर पुलिस ने सितम्बर माह में सरोज के पिता हरीलाल यादव की तहरीर पर अष्टभुज, उसकी मां और पिता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था।
हरीलाल यादव, जो सरकारी विभाग से रिटायर हैं, ने गंभीर आरोप लगाया कि दामाद अष्टभुज का खलीलाबाद पोस्टिंग के दौरान एक महिला कांस्टेबल से अवैध संबंध था। बेटी द्वारा विरोध करने पर वह उसे मारता-पीटता था। पिता के अनुसार संबंध जारी रखने, आर्थिक लाभ पाने और इंश्योरेंस रकम हड़पने के लिए साजिशन जहर देकर हत्या की गई।
पीड़ित परिवार ने बताया कि शादी के बाद सरोज के नाम 50 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस, 41 लाख का संयुक्त लोन और एक अन्य बैंक से 20 लाख का कर्ज लिया गया था। आरोप है कि सरोज की मौत के बाद अष्टभुज ने इंश्योरेंस क्लेम के लिए भी प्रयास किए। सरोज और अष्टभुज की शादी 11 दिसम्बर 2013 को हुई थी। दोनों के दो बच्चे—अनमोल (9) और अक्षरा (6) हैं।
परिजनों का दावा है कि 27 फरवरी की रात दामाद ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर सरोज को जहर दिया और 28 फरवरी की रात 1:36 बजे फोन कर कहा कि सरोज की तबीयत खराब है। परिवार के अनुसार उन्हें गुमराह किया गया। विसरा रिपोर्ट में जहर की पुष्टि के बाद मामले में हत्या की धारा बढ़ाई गई।
शाहपुर थाना प्रभारी नीरज राय ने बताया कि आरोपित अष्टभुज ने अदालत में सरेंडर किया है। पुलिस अब उसकी रिमांड लेकर पूछताछ की तैयारी में जुट गई है। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस आगे की कार्रवाई में तेज़ी दिखा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

