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छत्तीसगढ़ की बेटी ने जयपुर में ग्रहण की जैन दीक्षा

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छत्तीसगढ़ की बेटी ने जयपुर में ग्रहण की जैन दीक्षा


धमतरी, 15 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान की राजधानी जयपुर में छत्तीसगढ़ की बेटी ने जैन धर्म की दीक्षा ग्रहण कर आध्यात्मिक मार्ग को अपनाते हुए अपने जीवन को धर्ममय बना लिया। भिलाई नगर निवासी चंदा बहन ने जैनाचार्य गुरुवर मणिप्रभा जी के सान्निध्य में विधिवत दीक्षा प्राप्त की। जैन धर्म में दीक्षा का अत्यंत गहरा और अमूल्य महत्व है, जिसमें साधु-संतों को कठोर नियमों और व्रतों का पालन करना पड़ता है।

पैदल विचरण, उपवास, एकासना, निवि जैसे कठिन व्रत, रात्रि भोजन का पूर्ण त्याग तथा आजीवन संयमित जीवन दीक्षा के प्रमुख अंग हैं। चातुर्मास के दौरान दूर-दराज अंचलों में पैदल यात्रा करना तथा ठंड, वर्षा और धूप जैसी हर परिस्थिति को समभाव से सहना साधु जीवन की विशेष पहचान है। चंदा बहन ने अनेक वर्षों तक गुरुवर मणिप्रभा साहब के सान्निध्य में रहकर ज्ञान और ध्यान का अर्जन किया तथा कई शास्त्रों का गहन अध्ययन कर उन्हें कंठस्थ किया। दीक्षा की पात्रता प्राप्त होने पर गुरुवर ने उन्हें अपना शिष्य स्वीकार किया। हजारों श्रद्धालुओं की साक्षी में शुभ मुहूर्त पर जय-जयकार के बीच जयपुर में दीक्षा संस्कार सम्पन्न हुआ। दीक्षा उपरांत चंदा बहन का नाम ‘चिंतन निधि जी महाराज साहब’ रखा गया। इस अवसर पर अनेक प्रमुख साध्वियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिससे छत्तीसगढ़ सहित देशभर के जैन समाज में हर्ष और गौरव का वातावरण बना।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा