अंबिकापुर : सरगुजा के पाट इलाकों में बढ़ी कड़ाके की ठिठुरन, तापमान 4–5 डिग्री पर पहुंचा
बलरामपुर, 8 दिसंबर (हि.स.)। उत्तरी हिमालयी हवाओं के तेज़ी से छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग की ओर बढ़ने से ठंड का असर दिन प्रतिदिन तेज होता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पाट क्षेत्रों में यह पारा 4 से 5 डिग्री के बीच बना रहा। सोमवार को हवा की गति अधिक रहने के कारण पाला तो नहीं गिरा, लेकिन सर्द हवाओं ने लोगों को पूरे दिन कंपकंपाया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड और तीखी महसूस होगी।
मैदानी इलाकों से लेकर ऊँचाई वाले पाट क्षेत्रों तक उत्तर की चुभने वाली हवा लगातार बह रही है। सामरी और सोनहत में बीते दो दिनों तक पाला जमने की स्थिति रही, हालांकि सोमवार को हवा तेज़ होने की वजह से पाला दिखाई नहीं दिया। इसके बावजूद तापमान में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही और लोग कंबल-बोनट में भी सिहरन महसूस कर रहे हैं।
दिसंबर की शुरुआती दिनों में ही सरगुजा संभाग में कड़ाके की ठंड पिछले वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। दो दिन पहले अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री तक गिर चुका था। रविवार–सोमवार के बीच दर्ज 5 डिग्री तापमान भी औसत से करीब 4.8 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से लगभग .9 डिग्री अधिक है।
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार अभी पश्चिमी विक्षोभ जैसी कोई सक्रिय प्रणाली दिखाई नहीं दे रही, इसलिए उत्तर की तरफ से आने वाली ठंडी हवाओं का दबाव लगातार बना रहेगा और इससे न्यूनतम तापमान में और गिरावट संभव है।
जाड़े की तीव्रता का असर पूरे संभाग पर साफ दिख रहा है। शाम ढलते ही गलियां सुनसान होने लगती हैं और लोग अलाव का सहारा लेकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। मौसम की मार स्वास्थ्य पर भी दिखने लगी है—खासकर बच्चों और बुजुर्गो में सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले बढ़ने लगे हैं। चिकित्सकों ने लोगों को ज्यादा देर खुले में न रुकने, गर्म कपड़े पहनने और सुबह-शाम विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सरगुजा में इस समय ठंड अपने चरम पर है और मौसम विभाग की चेतावनी स्पष्ट कर रही है कि आने वाले कुछ दिनों में और भी कठोर ठिठुरन महसूस की जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय

