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स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू

 संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर चंदन कुमार ने कुष्ठ के मरीजों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न करने,उन्हें सहयोग करने, संभावित मरीजों की शीघ्र पहचान करने,कलंक को समाप्त करने गरिमा को अपनाने की शपथ सभी अधिकारीयों को दिलाई इसके साथ ही आज से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा की जिले में शुरुआत की गई।
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बलौदाबाजार  ।  संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर चंदन कुमार ने कुष्ठ के मरीजों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न करने,उन्हें सहयोग करने, संभावित मरीजों की शीघ्र पहचान करने,कलंक को समाप्त करने गरिमा को अपनाने की शपथ सभी अधिकारीयों को दिलाई इसके साथ ही आज से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा की जिले में शुरुआत की गई।

उक्त अभियान राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के निर्वाण दिवस 30 जनवरी से लेकर यह पखवाड़ा अगले 2 सप्ताह चलेगा। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष की थीम कलंक को हटाना,गरिमा को अपनाना निर्धारित की गई है। इस कार्यक्रम अंतर्गत अन्य विभागों जैसे -पंचायत,महिला बाल विकास,शहरी विकास ,सामाजिक न्याय और अधिकारिता से समन्वय स्थापित कर ग्राम सभा आयोजित की जाएगी जिसमें कुष्ठ संदेश का वाचन किया जाएगा।

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी के अनुसार जिले में अप्रैल 2023 से लेकर अब तक 285 नए केस निकल चुके हैं जिसमें 278 वयस्क और 7 बच्चे हैं। कुल केस में 117  एम बी कुष्ठ के हैं और शेष पीबी हैं। एक लाख पर वार्षिक केस दर 21.05 है।गौरतलब है कि कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है जो माइको बैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु के कारण होती है। यह मुख्य रूप से शरीर मे त्वचा,तंत्रिका, ऊपरी स्वशन पथ नाक को अधिक प्रभावित करता है। त्वचा पर लाल धब्बे,घाव,हाथ पैरों में सुन्न पन ,पैरों के तलवों में छाले,मांशपेशियों की कमज़ोरी ये कुछ लक्षण हैं जिससे कुष्ठ की पहचान हो सकती है। इस रोग में संक्रमण के कई वर्षों तक मरीज में लक्षण नहीं आते। यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो इससे अक्षमता,शरीर मे विकृति ,स्थायी तंत्रिका क्षति हो सकती है। कुष्ठ का जाँच-इलाज हर शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त उपलब्ध है।

मल्टी ड्रग थेरेपी जिसे एम डी टी भी कहा जाता है के माध्यम से 6 माह से 12 माह की दवाई का कोर्स कर व्यक्ति ठीक हो जाता है । समय पर पहचान हो जाये तो विकृति को भी रोका जा सकता है। कुष्ठ एक रोग मात्र है ऐसे में किसी मरीज के साथ भेदभाव आदि करना पूरी तरह से गलत है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में समय -समय पर मरीजों को पीओडी कैम्प के माध्यम से किसी भी प्रकार की विकृति न हो इस पर जागरूक भी किया जाता है। कैम्प में जल तेल उपचार, सेल्फ केयर किट जिसमें तेल,एंटीसेप्टिक क्रीम,लोशन,बैंडेज,कॉटन कैंची होता है यह निशुल्क प्रदान किया जाता है।

मरीज को विशेष चप्पल भी दी जाती है। रायपुर में लालपुर के क्षेत्रीय कुष्ठ अनुसंधान केंद्र में आर सी एच सर्जरी भी की जाती है जिसमें विकृति को ठीक करने का प्रयास होता है। इस वर्ष चार मरीज इसका लाभ ले चुके हैं।उक्त शपथ के दाैरान जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन,डीएफओ मयंक अग्रवाल,अपर कलेक्टर बीसी एक्का सहित जिले के सभी अधिकारी कर्मचारी गण उपस्थित रहे।