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कृष्णा गोदावरी बेसिन में तेल उत्पादन आरंभ: नई सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद यात्रा

रविवार को, सरकारी कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने कृष्णा गोदावरी बेसिन के KG-DWN-98/2 ब्लॉक में स्थित गहरे पानी परियोजना से पहली बार कच्चे तेल का उत्पादन शुरू किया है।
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नई दिल्ली : रविवार को, सरकारी कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने कृष्णा गोदावरी बेसिन के KG-DWN-98/2 ब्लॉक में स्थित गहरे पानी परियोजना से पहली बार कच्चे तेल का उत्पादन शुरू किया है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बड़ी घटना की जानकारी दी है, जिससे क्षेत्र में नए उत्कृष्टता के दरवाजे खुल गए हैं। बंगाल की खाड़ी में स्थित इस परियोजना के माध्यम से एक नई मील का पत्थर रखा गया है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में नए संभावनाओं का पता  चला है।

हर दिन हो सकता है 45 हजार बैरल कच्चे तेल का उत्पादन

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि यहां से 45 हजार बैरल कच्चा तेल हर दिन निकलने की उम्मीद है। हालांकि इस मात्रा पर आने में अभी कुछ साल का समय लग सकता है। साथ ही 10 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा प्राकृतिक गैस भी हर दिन यहां से निकल सकती है। ऊर्जा के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह अहम साबित हो सकती है। इस प्रोजेक्ट से देश के मौजूदा कुल तेल उत्पादन का 7 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का भी 7 फीसदी उत्पादन होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआत में इस प्रोजेक्ट से कच्चे तेल का उत्पादन आठ-नौ हजार बैरल किया जाएगा और 3-4 कुओं से तेल का उत्पादन किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे अन्य कुओं को भी जोड़कर उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। कच्चे तेल की पहली खेप ओएनजीसी की अनुषंगी कंपनी मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड भेजी जाएगी। जहां कच्चे तेल की गुणवत्ता की जांच होगी और उसका ग्रेड तय होगा। कृष्णा गोदावरी बेसिन के जिस प्रोजेक्ट से तेल निकाला जा रहा है, वह बंगाल की खाड़ी के डेल्टा का हिस्सा है और आंध्रप्रदेश की जल सीमा से 35 किलोमीटर दूर है। इस पूरे ब्लॉक को तीन कल्स्टर्स-1, 2, 3 में बांटा गया है और अभी क्लस्टर-2 में तेल का उत्पादन शुरू किया गया है।