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धमतरी : ग्राम रत्नाबांधा में 86 वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा पर हो रही मड़ई, दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़

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धमतरी : ग्राम रत्नाबांधा में 86 वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा पर हो रही मड़ई, दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़


धमतरी : ग्राम रत्नाबांधा में 86 वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा पर हो रही मड़ई, दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़


धमतरी, 5 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी धमतरी में एक से बढ़कर एक प्राचीन मंदिर है। इनकी अपनी अलग पहचान एवं गाथा है। इन्हीं में से एक शहर सीमा से लगे ग्राम पंचायत रत्नाबांधा का रत्नेश्वर महादेव मंदिर है। जहां कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर मड़ाई मेला लगता है । पिछले करीब 86 वर्षों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है। यहां आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। गांव के सरपंच फकीरचंद वर्मा, उपसरपंच दादूलाल यदू, जोहन पाल, युवा नेता ओमेश यादव ने बताया कि रत्नेश्वर महादेव के दरबार में जो भी भक्त सच्चे दिल से पहुंचते है। उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसलिए मंदिर के प्रति ग्रामीणों में आस्था कूट कूट कर भरी हुई है। यह प्राचीन मंदिर तालाब किनारे स्थित है। जनपद सदस्य कीर्तन मीनपाल, जोहन यादव, दिलीप मीनपाल ने बताया कि एक जमाने में रत्नेश्वर महादेव की प्रतिमा खुले में थी। इसे सुरक्षित एवं संरक्षित करने स्व. हलालू राम मीनपाल द्वारा 14 नवंबर 1939 को यहां मंदिर निर्माण कराया गया। इसके बाद यहां भक्तगण पहुंचने लगे। मंदिर निर्माण के बाद ग्राम के वरिष्ठों द्वारा कार्तिक पूर्णिमा पर मड़ाई की शुरुआत की गई। इस तरह यह परंपरा पिछले करीब 86 सालों से चली आ रही है।

साल दर साल बढ़ते जा रहा शिवलिंग:

मंदिर के गर्भगृह में रत्नेश्वर महादेव के अलावा माता पार्वती भी विराजित है। जोहन पाल, पुष्कर यादव, शेखर कुमार आदि ने बताया कि सूर्य की पहली किरण रत्नेश्वर महादेव को स्पर्श करती है। साथ ही रत्नेश्वर महादेव का शिवलिंग भी साल दर साल बढ़ते जा रहा है। इसे कई भक्त चमत्कार मानते हैं। पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने अलसुबह मंदिर के बाजू स्थित तालाब में स्नान कर रत्नेश्वर महादेव की पूजा की। मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। पूर्णिमा पर रत्नेश्वर महादेव की विशेष पूजा, भोग, श्रृंगार एवं महाआरती हुई। साथ ही अन्य विविध कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं

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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा