तीन दिनों में छह करोड़ रुपये के हरा सोना संग्रहित

धमतरी, 9 मई (हि.स.)। जिले के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में छह मई से तेंदूपत्ता की तोड़ाई जोरों से चल रही है। इसके चलते आठ मई तक 28 समितियों के माध्यम से कुल 10797.240 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। खराब मौसम के बीच पिछले तीन दिनों के भीतर संग्राहकों ने करीब छह करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता तोड़कर संग्रहित किया है। तेंदूपत्ता तोड़ाई की रफ्तार को खराब मौसम व बारिश ने प्रभावित कर दिया है, इससे इस साल भी लक्ष्य की पूर्ति करना चुनौती है।
जिले के धमतरी, नगरी और मगरलोड क्षेत्र के ग्रामीण सुबह से तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए निकल रहे हैं। जिसकी वजह से जंगलों में ग्रामीणों की भीड़ दिख रही है। वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए आय का प्रमुख जरिया तेंदूपत्ता संग्रहण है। वर्तमान में 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है। लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार चिंतित है। बेमौसम बारिश की वजह से पांच दिन देरी से तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू हुई।
धमतरी वन मंडल कार्यालय से शुक्रवार काे मिली जानकारी अनुसार जिले में कुल 26800 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य शासन से मिला है। जिसके तहत छह से आठ मई तक तेंदूपत्ता संग्राहकों ने पांच करोड़ 93 लाख 84 हजार 820 रूपये की तोड़ाई कर ली है। जिले के 28 समितियों में बोरई, तुमड़ीबहार, निर्राबेड़ा, अमाली, नगरी, रतावा, गट्टासिल्ली, दुगली, जबर्रा, चनागांव, डोकाल, गेदरा, सिंगपुर, राजपुर, मारागांव, खड़मा, पठार, मोंगरागहन, छुही, कुकरेल, अछोटा समेत 28 समितियों के अंतर्गत कुल 1406 संग्राहक है जो तेंदूपत्ता तोड़ाई में व्यस्त है। अब तक 40.29 प्रतिशत तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है। तेंदूपत्ता की तोड़ाई जिले में एक मई से शुरू होने वाला था, लेकिन इस साल अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह और मई माह के प्रथम सप्ताह में खराब मौसम का सिलसिला शुरू हो गया, जो नहीं थम रहा है। यही वजह है कि तेंदूपत्ता तोड़ाई इस साल लेटलतीफी से शुरू हुई है। अब तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू हो गई है, तो बेमौसम बारिश व आंधी-तूफान तेंदूपत्ता संग्रहण व तोड़ाई के लिए बड़ा बाधक है। तेंदूपत्ता की तोड़ाई जारी है, लेकिन सूखने के लिए समय लगेगा, क्योंकि इन दिनों बारिश का दौर जारी है। हर दूसरे-तीसरे दिन हो रही बारिश तेंदूपत्ता के लक्ष्य को प्रभावित कर सकता है। इस साल वनांचल में हाथी से दिक्कत नहीं है, तो बेमौसम बारिश लक्ष्य की पूर्ति को प्रभावित करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा